Palamu। पलामू लोकसभा निर्वाचन को लेकर वोटिंग हो रही है। चौथे चरण में मतदान हो रहा है। मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ। शाम पांच बजे तक चलेगा। गर्मी को देखते हुए वोटरों की भीड़ सुबह के समय ज्यादा रही। सभी स्तर के वोटर कतारबद्ध होकर वोट देते नजर आए। स्कूल कॉलेज समेत अन्य सरकारी भवनों में मतदान केंद्र बनाए गए हैं और इन केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।
सुबह 11 बजे तक 26.95 प्रतिशत मतदान हो गया है। बात विधानसभ क्षेत्र के अनुसार की जाए तो डालटनगंज विधानसभा में 26.56, बिश्रामपुर में 26.33, छत्तरपुर में 27.25, हुसैनाबाद में 26.93, गढ़वा विधानसभा में 26.31, भवनाथपुर विधानसभा में 28.02 मतदान हुआ है। सबसे अधिक वोटिंग भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में हुई है।
मतदान केंद्रों पर मतदान प्रक्रिया के पर्यवेक्षण के लिए कुल 165 माइक्रो आब्जर्वर की प्रतिनियुक्ति की गयी है। पलामू में 22 लाख 43 हजार 34 मतदाता नौ प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला कर रहे हैं। पूरे लोकसभा क्षेत्र में 2427 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। पलामू के इलाके में करीब 40 कंपनी सुरक्षाबलों की तैनात की गई है।
पलामू क्लब में जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने पत्नी और मां के साथ वोटिंग की। उन्होंने सभी लोगों से लोकतंत्र के इस महापर्व को सफल बनाने की अपील की है और सभी से मतदान करने को कहा है। एसपी रीष्मा रमेशन ने बताया कि बिहार से सटे सीमावर्ती इलाकों में मतदान के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी है। कई इलाकों में नक्सल विरोधी अभियान भी चलाया जा रहा है।
डालटनगंज के स्टेशन रोड स्थित नगर निगम सामुदायिक भवन में झारखंड विधानसभा के प्रथम अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी ने अपने पुत्र दिलीप नामधारी के साथ वोट डाले। इसी तरह पूर्व विधायक राधाकृष्ण किशोर ने मेदिनीनगर के मत्स्य कार्यालय में बने मतदान केन्द्र पर वोट डाले। पलामू चेंबर ऑफ कामर्स एवं इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष आनन्द शंकर एवं उनकी पत्नी प्रथम महापौर अरूणा शंकर ने भी इसी बूथ पर मतदान किया।
2019 के लोकसभा चुनाव में पलामू में राष्ट्रीय औसत से कम मतदान हुआ था। 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए पलामू जिला प्रशासन ने पूरी ताकत लगा दी है। 80 प्रतिशत से अधिक मतदान का लक्ष्य रखा गया है। पलामू डीसी ने लोगों से वोटिंग की अपील की है।
बता दें कि चुनाव को लेकर पलामू लोकसभा सीट से सटने वाले बिहार, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ सीमा को सील कर दिया गया है। बिहार और छत्तीसगढ़ सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ अभियान की शुरुआत की गई है। बिहार सीमा पर केंद्रीय रिजर्व सीआरपीएफ के नेतृत्व में एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया जा रहा है।