झारखंड राज्य दिवस में दिखी राज्य की पारंपरिकता और संस्कृति की झलक

रांची/नई दिल्ली। झारखंड प्रकृति के गर्भ में बसा और अपनी आदिवासी संस्कृति के लिए पहचाना जाने वाला प्रदेश है। यहां का सामाजिक परिवेश रहन-सहन, लोक संस्कृति अतुलनीय है।दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में झारखंड पवेलियन ने झारखंड राज्य दिवस का आयोजन किया गया जिसमें, झारखंड की लोक संस्कृति को प्रदर्शित किया गया।

मंत्री ने झारखंड पवेलियन में भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धा सुमन अर्पित कर पवेलियन की सभी स्टॉलों का अवलोकन किया। उन्होंने पवेलियन में लगे स्टालों में उनके हुनर एवं कार्य प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि ट्रेड फेयर राज्य में होने वाले विकास को प्रदर्शित करने का अच्छा मंच है। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य भी इस फेयर में अपने विकास को प्रदर्शित कर रहा है। झारखंड सरकार अब सभी रूप से सक्षम है। झारखंड प्रदेश अपनी खनिज सम्पदा और कला संस्कृति के लिए अलग पहचान रखता है। प्रदेश को अपने विकास के लिए सभी वर्ग के लोगों को एक साथ मिला कर चलना होगा। हम आशा करते हैं कि आने वाले वर्षों में राज्य कई चीजों में इतिहास लिखेगा।

झारखंड राज्य दिवस में एम्फी थियेटर में झारखण्ड के पद्मश्री शशिधर आचार्य का छाऊ नृत्य, सुदामा सिंह और टीम का नागपुरी नृत्य, विनोद कुमार महतो का खोरटा फोक, कृष्ण भगत और टीम का उरांव कुदुख सॉन्ग और अशोक कच्छप का पाइका डांस ने लोगों को मंत्रमुग्ध किया। इस मौके पर सूडा के सीईओ अमित कुमार, उद्योग विभाग के सचिव जितेन्द्र कुमार सिंह, निदेशक उद्योग भोर सिंह यादव मौजूद थे।

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