एसीबी के अनुसंधान में एक दशक से अधूरी है पलामू के नक्सल प्रभावित इलाकों की सड़कें

Plamu। एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच के कारण पिछले एक दशक से पलामू के नक्सल प्रभावित इलाकों की 17 सड़कें अधूरी पड़ी हैं। सड़कों का निर्माण नहीं होने के कारण ग्रामीणों के लिए आफत बन गई है। सभी सड़कों से 140 से भी अधिक गांवों को जोड़ती है। सबसे अधिक सड़क पाटन में 9, उसके बाद छतरपुर एवं चैनपुर में तीन-तीन एवं विश्रामपुर प्रखंड क्षेत्र में 2 सड़कें शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 17 रोड का निर्माण कार्य चल रहा था। रोड के निर्माण में गड़बड़ी पकड़ी गई थी और लागत से अधिक निर्माण कार्य का भुगतान किया गया था। मामले में 2014 में पलामू के पाटन, छतरपुर बिश्रामपुर और चैनपुर थाना में अलग-अलग 11 एफआईआर दर्ज की गई थी। बाद में सरकार ने सभी एफआईआर को 2017 में एसीबी जांच के लिए अनुशंसा की गई थी। 2017 में एसीबी ने सभी 11 एफआईआर को टेकओवर किया था और जांच शुरू की थी।

पलामू के पाटन के कांके से सुठा रोड 1.19 करोड़, ब्रहमोरिया से नावाडीह रोड में 4.61 करोड़, बिटी रोड से कवल 74.46 लाख, छतरपुर के टीओपी से डागरा रोड 3.75 करोड़, पाटन पड़वा रोड 1.10 करोड़, मायापुर नावाडीह रोड 77.31 लाख, बिरजा से जमडीहा 46.83 लाख, गोदरमा से नावागढ़ 53 लाख, रामगढ़ से दिनाबार 3.39 करोड़, बरांव से ओड़नार 42.83 लाख, बिटी रोड गम्हरिया 9.12 लाख रुपए लागत से अधिक भुगतान किया गया था। इसके अलावा सिक्की कला से सिक्की खुर्द, गहरपथरा रोड नया, महुलिया रोड, पकरी राजहरा रोड, मानआहर से मझिआव रोड में गड़बड़ी पकड़ी गई थी।

पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने पूरे मामले में राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। इस पत्र के माध्यम से पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने दोषियों के खिलाफ अनुसंधान जारी रखने के साथ-साथ अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने का आग्रह किया है।

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