अदाणी डिफेंस डीआरडीओ ने पेश की ड्रोन के खतरे से निपटने वाली रक्षा प्रणाली

अदाणी डिफेंस, डीआरडीओ ने पेश की ड्रोन के खतरे से निपटने वाली रक्षा प्रणाली

Bangluru : अदाणी समूह की रक्षा इकाई अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने डीआरडीओ के साथ मिलकर मंगलवार को ‘एयरो इंडिया’ प्रदर्शनी में भारत की वाहनों पर लगाई जाने वाली ड्रोन-रोधी प्रणाली को पेश किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के महानिदेशक (इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार प्रणाली) डॉ. बीके दास ने यहां चल रही रक्षा प्रदर्शनी के दौरान इस प्रणाली को रक्षा विशेषज्ञों और उद्योग भागीदारों की उपस्थिति में पेश किया। अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने बयान में कहा कि यह अत्याधुनिक प्रणाली उभरते हवाई खतरों के खिलाफ भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूती देने में एक महत्वपूर्ण कदम है। अभियानों दोनों के लिए ड्रोन के बढ़ते उपयोग के साथ, एक मजबूत ड्रोन-रोधी प्रणाली की जरूरत बढ़ गई है।

अदाणी डिफेंस, डीआरडीओ ने पेश की ड्रोन के खतरे से निपटने वाली रक्षा प्रणाली

बयान के मुताबिक, वाहन पर लगने वाली ड्रोन-रोधी प्रणाली लंबी दूरी की सुरक्षा, चपलता और सटीकता सुनिश्चित करती है, जो इसे आधुनिक सैन्यबलों के लिए एक दमदार प्रणाली बनाता है। यह स्वचालित पहचान, वर्गीकरण और ड्रोन को बेअसर करने सहित उन्नत संवेदी क्षमताओं के जरिये निर्बाध सुरक्षा प्रदान करती है। कंपनी ने कहा कि एक वाहन पर लगी यह प्रणाली अत्यधिक सचल, चुस्त, विश्वसनीय और आत्मनिर्भर ड्रोन-रोधी समाधान मुहैया कराती है। इस ड्रोन-रोधी प्रणाली में ड्रोन को सटीकता से मार गिराने के लिए एक उच्च-क्षमता वाली लेजर प्रणाली, हवाई खतरे से निपटने के लिए 7.62 मिमी की बंदूक और 10 किलोमीटर की दूरी तक वास्तविक समय में निशाना ढूंढने, ट्रैकिंग और उसे निष्किय करने के लिए उन्नत रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर और जैमर लगे हुए हैं।

अदाणी डिफेंस, डीआरडीओ ने पेश की ड्रोन के खतरे से निपटने वाली रक्षा प्रणाली

कंपनी ने कहा कि एक ही मंच पर कई ड्रोन-रोधी प्रौद्योगिकियों का एकीकरण होने से यह त्वरित प्रतिक्रिया और लचीले संचालन को सुनिश्चित करता है। इससे यह प्रणाली भारत के रक्षा बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण जरिया बन जाती है। अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आशीष राजवंशी ने कहा, ‘‘यह पेशकश भारत के रक्षा नवाचार पारिस्थितिकी की सफलता का प्रमाण है, जो डीआरडीओ के विश्वस्तरीय शोध एवं विकास और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) ढांचे द्वारा संचालित है। हमें डीआरडीओ की अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को परिचालन के लिए तैयार समाधान में बदलने पर गर्व है। इस अवसर पर डीआरडीओ के डॉ. दास ने कहा कि इस प्रणाली की शुरुआत अलग तरह के खतरों के खिलाफ भारत की रक्षा तैयारियों को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रणाली कई ड्रोन-रोधी प्रौद्योगिकियों को एक अत्यधिक सचल मंच पर लेकर आती है जिससे त्वरित प्रतिक्रिया और परिचालन लचीलापन सुनिश्चित होती है।

 

admin: