अदाणी ग्रुप बन रहा ग्लोबल लीडर, अबू धाबी के आईएचसी ने एईएल में अपने निवेश को बढ़ाया

अबू धाबी स्थित आईएचसी ने अदाणी समूह के प्रमुख इनक्यूबेटर अदाणी एंटरप्राइजेज में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर पांच प्रतिशत से अधिक कर दी है। अदाणी एंटरप्राइजेज भारत के सबसे बड़े व्यापारिक संगठनों में से एक, अदाणी समूह की प्रमुख कंपनी है। आईएचसी पिछले कुछ महीनों में स्टॉक में लगातार खरीदारी कर रहा था। मंगलवार के समापन मूल्य के अनुसार, कंपनी में इसकी हिस्सेदारी का मूल्य लगभग 14 हजार करोड़ रुपये है। कंपनी ने पहली बार मई 2022 में कंपनी में निवेश किया था। इसने 7,700 करोड़ रुपये में 3.52 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी, जिसका मूल्य अब 25 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में खुले बाजार में खरीदारी के माध्यम से कंपनी ने अपनी हिस्सेदारी पांच प्रतिशत से अधिक बढ़ा ली है।

यह निवेश चार हजार करोड़ रुपये से अधिक का है। यह समूह की अन्य दो छोटी कंपनियों, अदाणी ग्रीन एनर्जी और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस में हिस्सेदारी बिक्री से कंपनी को मिलने वाली उम्मीद से कहीं अधिक है। इस कंपनी की अदाणी ग्रीन में 1.26 प्रतिशत और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस में 1.41 प्रतिशत हिस्सेदारी है, मंगलवार के समापन के आधार पर इन हिस्सेदारी का मूल्य लगभग 3,200 करोड़ रुपये है। पिछले सप्ताह आईएचसी ने एक बयान में कहा था कि समूह की दो कंपनियों की बिक्री पोर्टफोलियो रीबैलेंसिंग स्ट्रेटजी का हिस्सा थी। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि अदाणी के साथ उनकी साझेदारी और भारतीय बाजार के प्रति समर्पण दृढ़ है।

अदाणी समूह के प्रवक्ता ने कहा कि हम अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड में अपने निवेश को बढ़ाने के आईएचसी के फैसले से खुश हैं, जो नये व्यवसायों, विशेष रूप से बुनियादी ढांचे के विकास में वर्ल्ड लीडर के रूप में एईएल की स्थिति को मान्य करता है। हम आईएचसी की बढ़ी हुई हिस्सेदारी को हमारी मजबूत पूंजीगत व्यय योजनाओं, प्रशासन और पारदर्शिता के समर्थन के रूप में देखते हैं। आईएचसी के साथ यह संबंध भारत की गतिशील विकास क्षमता को अच्छी तरह से दशार्ता है और हमारे निवेशकों को पर्याप्त रिटर्न भी देता है। अदाणी समूह दुनिया के कुछ सबसे बड़े संस्थागत निवेशकों को आकर्षित करने में कामयाब रहा है।

इससे पहले, फ्रांसीसी प्रमुख टोटाल एनर्जीज ने अदाणी ग्रीन एनर्जी में 300 मिलियन अमेरिकी डालर का निवेश किया था, उसके बाद सबसे बड़े सॉवरेन फंड में से एक कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने एजीईएल में 2.7 प्रतिशत हिस्सेदारी लेते हुए 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया था। जीक्यूजी कैपिटल पार्टनर्स ने भी एजीईएल में 6.4 प्रतिशत के लिए 900 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है। कुल मिलाकर, साल की शुरूआत से समूह में 38,700 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है।

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