अफगानिस्तान भूकंप : मलबों कें नीचे सिसक रही जिंदगी

Kabul। अफगानिस्तान भूकंप से हजारों परिवार बरबाद हो गए हैं, करीब 2500 से अधिक लोगों की मौत चुकी है और लाखों लोग इस विभीषिका से जूझ रहे हैं। भूकंप के बाद अफगानिस्तान के शासक तालिबान ने अन्य देशों से मदद की गुहार लगाई है। ये आंकड़ा तालिबान सरकार के प्रवक्ता ने दिया है।

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के दफ्तर से एक अपडेट में कहा गया है कि 465 घरों के तबाह होने की सूचना है और 135 क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इतना ही नहीं कई लाशें अभी भी घरों के मलबे के नीचे दबी हुई है जिन्हें बाहर निकालने का काम लगातार जारी है। तो कहीं घर परिवारों ने अपने किसी न किसी एक सदस्य को खो दिया है। संयुक्त राष्ट्र के दफ्तर ने कहा, भागीदारों और स्थानीय अधिकारियों का अनुमान है कि हताहतों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि ध्वस्त इमारतों के नीचे कुछ लोगों के फंसे होने की खबरों के बीच खोज और बचाव प्रयास जारी हैं। लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं।

जानकारी के अनुसार 5.9 तीव्रता वाला लेटेस्ट भूकंप हेरात के ‘जिंदा जान’ जिले में 7.7 किमी की गहराई पर आया। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भूकंप आसपास के फराह और बदगीस प्रांतों में भी महसूस किया गया। अफगानिस्तान में भूकंप आने का खतरा रहता है, खासकर हिंदुकुश पर्वत श्रृंखला में, जो यूरेशियन और भारतीय टेक्टॉनिक प्लेटों के अभिसरण के पास स्थित है।

उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान में भूकंप फराह और बदगीस प्रांतों में महसूर किया गया। अफगानिस्तान का बड़ा इलाका भूकंप संभावित है। हिंदुकुश पर्वत श्रृंखला में यूरेशियन और भारतीय टैक्टोनिक प्लेटों के अभिसरण की वजह से यहां भूकंप अकसर आता रहता है। कई बार हिंदुकुश के भूकंप का असर भारत के दिल दिल्ली तक होता है।

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