लोस अध्यक्ष चुने जाने के बाद बिरला बोले – नये विजन और नूतन विचारों के साथ उच्च कोटि के मानदंड हों स्थापित

New Delhi: भाजपा सांसद ओम बिरला बुधवार को 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष चुन लिये गये। इसके साथ ही बिरला लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष पद पर आसीन हुए। ओम बिरला को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने बधाई दी और आसन तक पहुंचाया। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने प्रोटेम स्पीकर के कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को धन्यवाद दिया।

अध्यक्ष चुने जाने के बाद ओम बिरला ने देश की 64 करोड़ जनता को मतदान और चुनाव आयोग को सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि जनता की अपेक्षा और आकांक्षाएं बड़ी हैं। सामूहिक प्रयास के साथ हमें सदन में नए विजन और नूतन विचारों के साथ उच्च कोटि के मानदंड स्थापित करने चाहिए। इस बार 281 नए सदस्य चुनकर आए हैं। उन्हें नियम और परिपाटी का अध्य्यन करना चाहिए। बिरला ने संविधान दिवस मनाए जाने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस सदन को शोषित पीड़ितों के उत्थान के लिए कानून बनाने चाहिए। अध्यक्ष बिरला ने कहा कि सड़क और सदन में विरोध करने में अंतर होता है। मर्यादा के साथ विरोध करना चाहिए।

बिरला ने कहा कि भले ही हम सबकी विचारधारा अलग हो, लेकिन हमें देश को सर्वोपरि रखते हुए काम करना चाहिए। असहमति के साथ सकारात्मक चर्चा करनी चाहिए। वे सरकार से भी अपेक्षा करते हैं कि सभी विचारों को शामिल करें और सबकी सुनी जानी चाहिए। वे चाहते हैं कि सभी के मत विचार आएं और सदन निर्बाध रूप से चले। गतिरोध के साथ सदन के बीच में आना सही नहीं है। मयार्दा का पालन नहीं होने पर उन्हें कठोर निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

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वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन में कहा – आदरणीय अध्यक्ष जी, यह सदन का सौभाग्य है कि आप दूसरी बार इस आसन पर आसीन हो रहे हैं। मैं आपको और पूरे सदन को बधाई देता हूं और अगले पांच वर्षों के लिए आपके मार्गदर्शन की आशा करता हूं। मोदी ने कहा कि पिछले कार्यकाल में स्पीकर रहने का बिरला का अनुभव उन्हें देश को आगे ले जाने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने ओम बिरला के 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष के कार्यकाल का स्मरण करते हुए उनके निर्णयों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 वर्षों में जो काम नहीं हुए, वे आपकी अध्यक्षता में इस सदन ने संभव किये हैं।

लोकतंत्र की लंबी यात्रा में कई मील के पत्थर आते हैं। कुछ अवसर ऐसे होते हैं जब हमें मील के पत्थर स्थापित करने का अवसर मिलता है। मुझे पूरा विश्वास है कि देश 17वीं लोकसभा की उपलब्धियों पर गर्व करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपकी मधुर मुस्कान पूरे सदन को खुश रखती है। सांसद के रूप में बिरला का कार्य नये लोकसभा सदस्यों के लिए प्रेरणास्रोत होगा। इस मौके पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि सम्पूर्ण विपक्ष और आईएनडीआईए गठबंधन की ओर से आपको बधाई।

18वीं लोकसभा में स्पीकर का निर्विरोध चुनाव नहीं हो सका। विपक्ष इसका सबसे बड़ा कारण डिप्टी स्पीकर की शर्त को सत्ता पक्ष द्वारा मंजूर नहीं किया जाना बता रहा है। विपक्षी सांसद यह मानकर चल रहे थे कि सत्ता पक्ष के पास अच्छी खासी संख्या सदन में मौजूद है, ऐसे में स्पीकर का पद पर सत्ता पक्ष की ओर से ओम बिरला का स्पीकर पद पर चुना जाना तय है।

हालांकि, विपक्ष के सांसदों ने सदन और सदन के बाहर ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष पद पर चुने बधाई भी दी, लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उनका यह विरोध प्रतिकात्मक था। मीडिया से बातचीत में कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि वे ओम बिरला को स्पीकर पद पर निर्वाचित होने के लिए बधाई देना चाहते हैं। उनके सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारा विरोध प्रतीकात्मक और लोकतांत्रिक था, क्योंकि वे (एनडीए) परंपरा को तोड़कर हमें उपाध्यक्ष का पद नहीं दे रहे थे।

राहुल गांधी को लोस में विपक्ष के नेता के रूप में मिली मान्यता

रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता मिल गयी। 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता दे दी है। इस बारे में एक अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है। अधिसूचना के मुताबिक, राहुल गांधी को 9 जून से लोकसभा के नेता के रूप में मान्यता दी गयी है।

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