वाशिंगटन। रूस और यूक्रेन के बीच एक साल से अधिक समय से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिका भी भारत की ओर देख रहा है। अमेरिका ने भारत से आग्रह किया है कि वह रूस को यूक्रेन से हटने व युद्ध समाप्त करने के लिए समझाए। साथ ही अमेरिका ने साफ किया है कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का अमेरिका व भारत के संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ा है।
अमेरिका के दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध ने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को तोड़ने के बजाय वास्तव में मजबूत किया है। उन्होंने स्वीकार किया कि यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के मामले में भारत और अमेरिका का दृष्टिकोण समान नहीं है किन्तु दोनों देश जल्द युद्ध समाप्त करने के मामले में एकमत हैं। युद्ध का समाधान बातचीत से ही निकल सकने की भारत की राय से सहमति जताने और भारत के साथ रूस के पुराने संबंधों का हवाला देते हुए उन्होंने भारत से आग्रह किया कि वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से युद्ध को समाप्त करने और यूक्रेनी क्षेत्र से हटने पर बात करे। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत इस युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस के साथ अपने संबंधों और अपने प्रभाव का उपयोग कर सकता है।
डोनाल्ड लू ने यूक्रेन में भारत द्वारा भेजी गयी मानवीय सहायता का हम स्वागत करने के साथ ही बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन में वार्ता और कूटनीति के आह्वान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि युद्ध के शुरुआती दिनों से ही भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच निरंतर बातचीत हुई है। यह सहयोग जारी रहेगा। यूक्रेन युद्ध को लेकर एकमत न होने के बावजूद भारत और अमेरिका ने शुरू से ही एक दूसरे से बात करके समाधान निकाला है। दिलचस्प बात यह है कि यूक्रेनी युद्ध ने भारत और अमेरिका के संबंधों को तोड़ा नहीं, बल्कि दोनों देशों के संबंधों को मजबूत किया है।