जिनेवा/मास्को/वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) ने शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। उन पर यूक्रेन में युद्ध अपराध और वहां के बच्चों को अगवा कर रूस ले जाने का आरोप लगा है। रूस ने आईसीसी के इस फैसले पर आपत्ति जताई है। मगर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन समेत कई देशों ने इसका स्वागत किया है।
रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने इस फैसले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के निर्णय का हमारे देश से कोई मतलब नहीं है। इस निर्णय का न कोई कानूनी आधार है और न ही वैधता है। रूस इस फैसले को नहीं मानता है। रूस इस हेग स्थित अदालत को मान्यता भी नहीं देता है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि रूस कई अन्य देशों की तरह इस अदालत के अधिकार क्षेत्र को मान्यता नहीं देता है। इसलिए कानूनी दृष्टिकोण से अदालत का यह फैसला शून्य है।
इस फैसले पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने युद्ध अपराध किया है। वो फैसले का स्वागत करते हैं। कनाडा, पोलैंड और चेक रिपब्लिक समेत कई अन्य देशों ने भी फैसले का स्वागत किया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी आईसीसी के इस फैसले की सरहाना की है। इस फैसले को जेलेंस्की ने ‘ऐतिहासिक’ बताया है।
आईसीसी ने रूस की बाल अधिकार आयुक्त मारिया लावोवा-बेलोवा के खिलाफ भी वारंट जारी किया है। आईसीसी के अभियोजक करीम खान ने एक साल पहले यूक्रेन में संभावित युद्ध अपराधों, मानवता के खिलाफ अपराधों और नरसंहार की जांच शुरू की थी। उन्होंने यूक्रेन की चार बार यात्रा कर साक्ष्य जुटाए।
आईसीसी ने कहा है कि पुतिन पर यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों से रूसी संघ में अवैध निर्वासन के युद्ध अपराध का आरोप है। यह अपराध कथित रूप से 24 फरवरी 2022 से यूक्रेनी कब्जे वाले क्षेत्र में किए गए है। यह मानने के उचित आधार हैं कि पुतिन इन अपराधों के लिए व्यक्तिगत आपराधिक जिम्मेदारी लेते हैं।