देवघर। बाबा मंदिर में चली आ रही पौराणिक परंपरा के अनुसार, बेलपत्र प्रदर्शनी और बेलपत्र चढ़ाने की परंपरा है। यह परंपरा 150 से अधिक वर्षों से चली आ रही है। बांग्ला श्रावण 17 जुलाई सोमवार कर्क संक्रांति से सभी दलों द्वारा बाबा भोलेनाथ पर बेलपत्र अर्पित किया जायेगा, जो 17, 24 और 31 जुलाई, सात और 14 अगस्त को सोमवार को बेलपत्र चढ़ा कर प्रदर्शित की जायेगी।
17 जुलाई और 17 अगस्त को संक्रांति को विभिन्न समाज की ओर से आकर्षक प्रदर्शनी लगायी जायेगी। इसमें काली मंदिर में जनरेल समाज व देवकृपा वन सम्राट बेलपत्र समाज, तारा मंदिर में बरनेल समाज, लक्ष्मी नारायण मंदिर में मसानी दल एक व मसानी दल दो एवं शांति अखाड़ा समाज, राम मंदिर में राजाराम बेलपत्र समाज, आनंद भैरव मंदिर में पंडित मनोकामना राधे श्याम बेलपत्र समाज के दो दलों द्वारा आकर्षक एवं बाबा की त्रिनेत्र के समान अनोखे पहाड़ी बिल पत्र की प्रदर्शनी लगायी जाती है। सभी दलों के सदस्यों द्वारा शाम लगभग पांच बजे अपने बेलपत्र को चांदी के बर्तनों में सजाकर शहर भ्रमण को निकलते हैं। इसके बाद वह अपने बेलपत्र के साथ अपनी गद्दी पर जाकर प्रदर्शित करते हैं।
लेजर लाइट के माध्यम से दिखाया जायेगा बाबा मंदिर का इतिहास
राज्य सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से शिवगंगा में लेजर लाइट शो के माध्यम से बाबा मंदिर का इतिहास और आसपास के पर्यटन स्थलों की जानकारी दी जायेगी। इसके लिए शिवगंगा की सफाई व विद्युत व्यवस्था के साथ प्रोजेक्टर लगाने का काम चल रहा है। इस वाटर प्रोजेक्टर को शिवगंगा में लगाने के लिए दिल्ली से टीम आयी है। टीम के एक सदस्य ने बताया कि इस वाटर प्रोजेक्टर को शिवगंगा के बीच में लगाया जायेगा और उसमें शिवगंगा, बाबा धाम सहित 22 मंदिरों, शिवलिंग की स्थापना व आसपास के पर्यटन क्षेत्रों के इतिहास को लेजर लाइट के माध्यम से दिखाया जायेगा।