सुख-दुख की सच्ची साथी हैं किताबें: डॉ. महुआ माजी

रांची। राष्ट्रीय पुस्तक मेला का शुभारंभ शुक्रवार को राजसभा सांसद डॉ. महुआ माजी ने शुक्रवार को किया। मौके पर उन्होंने कहा कि किताबें सुख-दुख की सच्ची साथी हैं। दोस्ती करनी है तो किताबों से करिए वो कभी धोखा नहीं देतीं।

मुहआ समय इंडिया, नई दिल्ली के तत्वावधान में जिला स्कूल मैदान में आयोजित 10 दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेले का शुभारंभ करते के बाद बोल रही थीं। उन्होंने समय इंडिया के प्रबंध न्यासी चन्द्र भूषण से किए गए अनुरोध को स्वीकार करते हुए कहा कि मैं झारखंड में साहित्य अकादमी की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध करेंगी और यथासंभव सांसद निधि से पुस्तकें खरीदी जाएं इसकी व्यवस्था करने का प्रयास करुंगी। झारखंड ग्रामीण बैंक की निदेशक सह सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. राजश्री जयन्ती ने कहा कि यूं तो दुनिया में इश्क होते हैं, किताबों से इश्क हो जाए तो बात बने।

पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. जंग बहादुर पांडेय ने कहा कि संसार में सर्वाधिक पवित्रतम, वस्तु ज्ञान है। ज्ञान पुस्तकों में है और पुस्तकें पुस्तक मेला में है। हमें पुस्तकों को हमेशा खरीद कर पढ़ना चाहिए। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए पूर्व आईएएस अधिकारी जटाशंकर चौधरी ने कहा कि आज की दुनिया में पुस्तकें मनुष्य की सर्वोत्तम मित्र हैं। पुस्तक मेला सात जनवरी तक जारी रहेगा।

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