बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी जातीय जनगणना जरूरी : सुदेश महतो

रांची। पटना हाई कोर्ट ने आज (मंगलवार) को बिहार में जातिगत जनगणना के खिलाफ दायर सभी याचिका को खारिज करते हुए इस पर से रोक हटा दी है। इस फैसले पर आजसू पार्टी अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा कि बिहार हाई कोर्ट का यह फैसला स्वागत योग्य है। जातीय जनगणना कराने को लेकर आजसू पार्टी लगातार मुखर रही है लेकिन झारखंड सरकार ने कोई पहल नहीं की है। बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी जातीय जनगणना जरूरी, राज्य सरकार जातीय जनगणना प्रारंभ करने की दिशा में पहल करें।

जातीय जनगणना वक्त और सभी तबके के समेकित विकास तथा हिस्सेदारी के लिए मौजूदा जरुरत है।जातीय जनगणना होने से राज्य की बड़ी आबादी की सामाजिक और आर्थिक स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। जातीय जनगणना नहीं होने की वजह से पंचायत चुनाव में ओबीसी के हज़ारो पदों पर चुनाव लड़ने से यह समुदाय वंचित रह गया।

सुदेश महतो ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही महागठबंधन की सरकार पिछड़े, दलितों, आदिवासियों के हितों को लेकर अक्सर प्रतिबद्धता जाहिर करती रही है और चुनाव से पहले सत्तारूढ़ दलों ने नौकरी, रोजगार एवं आरक्षण को लेकर कई वादे भी किए हैं। सरकार अपनी प्रतिबद्धता के कसौटी पर खरा उतरे।

उन्होंने कहा कि जनगणना कॉलम में सरना धर्म कोड को शामिल करने की मांग को लेकर हमारी पार्टी लंबे समय से संघर्ष करती रही है। सरकार को इन विषयों पर सर्वदलीय बैठक बुलाकर अपनी राय स्पष्ट करनी चाहिए।

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