Badkagaon : प्रखंड में इन दिनों अवैध कोयला कारोबार बड़े पैमाने पर चलने का चर्चा पूरे झारखंड में चल रहा है। खासकर उरीमारी थाना क्षेत्र असवा-तिलैया में सीसीएल का कोयला को अवैध तरीके से रोजाना तीन से पांच ट्रक बिहार के मंडियों में ले जाकर बेचा जा रहा है। जो पिछले दशहरा (अक्टूबर माह) के आसपास से चल रहा है। लेकिन करवाई न तो सीसीएल के पदाधिकारी, उरीमारी पुलिस या हजारीबाग पुलिस के द्वारा किया जा रहा है। उरीमारी सीसीएल के कोयला स्टीम (बोल्डर) होने के कारण बिहार के मंडियों में इनकी मांग जबरजस्त है। और अच्छी किमत में बिक रही है। जिससे कोयला माफिया दिन दौगुनी रात चौगुनी के रफ्तार से फल-फूल रहें हैं। बता दें कि सीसीएल का कोयला एक टन का किमत लगभग 7000 रुपए है। और कोयला माफिया को तीन टन कोयला मात्र 4000 रुपए के आसपास औने-पौने दाम खरीदकर बिहार के मंडियों में चांदी के भाव में बेच रहें है।
प्राप्त सूत्रों के अनुसार एक ट्रक में मैनेज के नाम पर लगभग डेढ़ लाख रुपए बंदरबांट का मामला सामने आ रहा है। जिसमें बड़े बड़े पदाधिकारी, स्थानीय कई नेता भी शामिल है। ये सिंडीकेट एक हजारीबाग कोयला माफिया के अलावे बड़कागांव प्रखंड के कई लोग शामिल हैं। ऐसा नहीं कि सिर्फ असवा तिलैया से ही अवैध कोयला संचालित हो रही है। बड़कागांव के लुरुंगा, इंदिरा, चानो,सेहदा,चहरी,रूदी, तथा गोंदलपुरा के जंगलों में अवैध कोयला खदान संचालित है।ये सभी अवैध खदानों का कोयला खपिया जंगल में डंप करके चरही-मांडू आस-पास के फैक्ट्री में खापाया जाता है। पिछले दो-तीन दिनों से काम नहीं चल रहा है। ये सिंडीकेट चरही के कोयला माफिया तथा बादम के कुछ लोग शामिल हैं। चेलंगदाग के रास्ते केरेडारी क्षेत्र के कोले पताल के जंगल में अवैध कोयला डंप किया जाता है। जिसे ट्रक में भरकर बाहर के मंडियों में बेचा जाता है।