Ranchi। चार दिवसीय सूर्य उपासना का महापर्व चैती छठ व्रत-अनुष्ठान 12 अप्रैल, शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ प्रारंभ हो जायेगा। व्रती स्नान-ध्यान कर छठी मईया की आराधना करेंगे। 13 अप्रैल को खरना का निर्जला उपवास रखा जाएगा। व्रतधारी महिला, पुरुष इस दिन शाम ढलने के बाद पूजा-अर्चना कर छठी मईया को शुद्ध रूप से पकाए गए खीर आदि पकवान का भोग लगाएंगे। इसके बाद स्वयं ग्रहण कर अपना उपवास तोड़ेंगे। फिर परिवार सहित इष्ट-मित्रों के बीच प्रसाद रूप में उसे वितरण किया जाएगा।
मान्यता है कि खरना का महाप्रसाद पाने वालों का जीवन धन्य हो जाता है। रोग-शोक से मुक्ति मिलती है। जीवन में सदा सुख और समृद्धि बनी रहती है। इसी भाव से खरना का प्रसाद पाने को लोग लालायित रहते हैं। 14 अप्रैल को पहला अर्घ्य है। शहर के विभिन्न तालाबों, डैम और जलाशयों में अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया जाएगा।