धोनी पहुंचे नैनीताल, गूगल की वजह से हुए परेशान

नैनीताल। पूर्व भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी शुक्रवार को नैनीताल पहुंचे। पूरी तरह से अपने नैनीताल आगमन को गुप्त रखने का प्रयास करने के बावजूद धोनी नगर के प्रवेश द्वार-लेक ब्रिज चुंगी पर ही पहचान लिये गये लेकिन स्वयं गूगल के भरोसे रहने की वजह से नगर की संकरी सड़कों पर भटकते रहे। आखिर मीडिया कर्मियों ने उन्हें सही रास्ता बताया और वह पंगोट की ओर रवाना हो गये। धोनी की पत्नी साक्षी का जन्मदिन 19 नवंबर को है, और धोनी का 20 नवंबर को पंतनगर से लौटने का कार्यक्रम बताया जा रहा है। लिहाजा वह यहीं अपनी पत्नी का जन्मदिन मना सकते हैं।

धोनी पंजाब के नंबर की ऑडी एवं फॉर्च्यूनर सहित चार कारों के काफिले के साथ अपराह्न करीब सवा दो तल्लीताल लेक ब्रिज चुंगी से मल्लीताल की ओर लोवर मॉल रोड से गुजरे। इस दौरान मॉल रोड पर काफी भीड़ थी। उन्हें संभवतया पंगोट-किलबरी की ओर जाना था लेकिन सही रास्ते की जगह वह मनु महारानी तिराहे से पहले उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के आवास की ओर चले गये। वहां से लौटकर पुनः वह गलत दिशा में एटीआई की ओर और वहां केएमवीएन के मुख्यालय की ओर और वहां से फिर से लौटकर एटीआई से पॉलीटेक्निक के पैदल मार्ग की ओर चले गये। वहां मीडिया कर्मियों ने उन्हें रोककर उनका गंतव्य पूछा। उनके पंगोट बताने पर उन्हें सही मार्ग पर वापस मनु महारानी तिराहे से बारापत्थर का मार्ग बताया गया। इसके बाद वह अपने गंतव्य को रवाना हुये।

इस दौरान धोनी ने मीडिया कर्मियों के साथ फोटो खिंचवाये लेकिन धन्यवाद जताने के अलावा कोई औपचारिक बात नहीं की। गौरतलब है कि इस दौरान मॉल रोड व अन्य स्थानों पर सैलानी एवं आम लोग उन्हें पहचान कर उनके साथ फोटो खिंचवाने की मनुहार करते रहे किंतु उन्होंने अपनी गाड़ी का शीशा नहीं खोला और किसी के साथ फोटो भी नहीं खिंचवाये। लोग उनकी गाड़ी के पीछे भागते रहे। इससे पहले धोनी के कैंची धाम में बाबा नीब करौरी के दर्शनों का कार्यक्रम भी बताया जा रहा था, किंतु नैनीताल आते हुए उनके द्वारा कैंची धाम में बाबा नीब करौरी के दर्शन किये जाने की बात सामने नहीं आयी है।

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