Kolkata। धर्मतल्ला में धरने पर बैठे Juniors Doctors के आंदोलन में मुश्किलें खड़ी करने के गंभीर आरोप कोलकाता पुलिस पर लगे है। दावा है कि पुलिस ने वहां ‘बायो टॉयलेट’ लाने से रोक दिया है। इसकी वजह से धरने पर बैठे Juniors Doctors ने नाराजगी जताई है। आंदोलनकारी डॉक्टर पुलस्त्य ने कहा कि हमने ‘बायो टॉयलेट’ के लिए पुलिस को ईमेल भी किया था। हमें इसे लाने नहीं दिया जा रहा है। कहा गया है कि बड़े अधिकारी के आने तक ‘बायो टॉयलेट’ का जिक्र नहीं किया जाएगा। इलाज के समय क्या हम कहते हैं कि बिना बड़े अधिकारी के हम सेवा नहीं देंगे? यह अमानवीय और निंदनीय है।
शनिवार रात प्रेस कॉन्फ्रेंस में आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टर अर्णब मुखर्जी ने कहा कि सरकार को 24 घंटे का समय दिया गया था, लेकिन 24 घंटे बाद हमें केवल धमकी मिली। हमें त्योहार में लौटने को कहा जा रहा है, लेकिन हम उस मानसिक स्थिति में नहीं हैं। अब से हम अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ रहे हैं। हम काम पर लौटेंगे, लेकिन भोजन नहीं करेंगे।
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धरना स्थल धर्मतला में आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों ने सीसीटीवी कैमरा लगाया है। उन्होंने कहा कि आंदोलन की पारदर्शिता बनाए रखने और सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया गया है।
इस आंदोलन में कोलकाता मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर अनुस्तुप मुखर्जी, तनया पांजा, और कैंसर विभाग की सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर स्निग्धा हाजरा शामिल हैं। इसके अलावा, एसएसकेएम के अर्णब मुखर्जी, एनआरएस के पुलस्त्य आचार्य, और केपीसी अस्पताल की पैथोलॉजी विभाग की तीसरे वर्ष की छात्रा सायंतनी घोष हाजरा भी अनशन पर बैठी हैं।
जूनियर डॉक्टरों ने धर्मतला में धरना और अनशन की अनुमति के लिए कोलकाता पुलिस को ईमेल किया था, लेकिन शनिवार को लालबाजार से उन्हें जवाब दिया गया कि अनुमति नहीं दी जा सकती। पुलिस ने कहा कि पूजा से पहले धर्मतल्ला क्षेत्र में खरीदारी के लिए भारी भीड़ रहती है और विभिन्न पंडालों में मूर्ति ले जाने का काम भी शुरू हो गया है। इस स्थिति में धरने से यातायात बाधित हो सकता है।
शनिवार रात 8:30 बजे, जूनियर डॉक्टरों ने अनशन की घोषणा की। अनशन पर बैठने वालों में तीन कोलकाता मेडिकल कॉलेज से हैं, जबकि अन्य एसएसकेएम, एनआरएस और केपीसी मेडिकल कॉलेज से जुड़े हुए हैं। पहले दिन के धरने में आर.जी. कर अस्पताल का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।