रांची। रांची पारस अस्पताल के डॉक्टर संजीव ने गंभीर रूप से बीमार एक 38 वर्षीय महिला मरीज का इलाज कर महज छह दिन में स्वस्थ कर दिया। महिला मरीज पिछले लगभग 15 दिनों से चलने में तकलीफ के साथ चेहरे के एक हिस्से में कोई संवेदना महसूस नहीं कर पा रही थी। पहले से ही मरीज के ब्रेन का एमआरआई बाहर किया गया था, जिसमें ब्रेन ट्यूबरकुलोसिस बताया गया था।
इसके बाद महिला मरीज को उनके परिजनों ने पारस एचईसी अस्पताल में न्यूरोलॉजी विभाग में इलाज के लिए भर्ती कराया । पारस एचईसी अस्पताल के ओपीडी में रोगी को डॉ संजीव कुमार शर्मा (सलाहकार न्यूरोलॉजी, पारस एचईसी अस्पताल) ने देखा। मरीज की एमआरआई रिपोर्ट की जांच करने के बाद उन्होंने पाया कि मरीज को माइलिन ऑलिगोडेंड्रोसाइट ग्लाइकोप्रोटीन एंटीबॉडी रोग (जुक्सट्रैको में डिमाइलिनेटिंग घाव) है।
डॉ संजीव कुमार शर्मा बताते हैं कि यह एक दुर्लभ बीमारी है, जिसमें मस्तिष्क के ऑलिगोडेंड्रोसाइट के खिलाफ एंटीबॉडीज बन जाती हैं और यदि रोगी के पास ऑप्टिकस्पाइनल इन्वॉल्वमेंट नहीं है तो इसकी पहचान करना मुश्किल हो जाती है।