Asansol : जामताड़ा जिले के नाला में अजय नदी के उत्तरी तट पर स्थित कस्ता वेस्ट ब्लॉक में भूमिगत कोयला गैसीकरण की संभावना की स्थिति का पता लगाने के लिए पहला अन्वेषण बोरहोल शुरू हुआ, जो पांडवेश्वर क्षेत्र के अंतर्गत आता है, ताकि भारतीय भू-खनन की स्थिति में प्रौद्योगिकी स्थापित की जा सके। इस परियोजना का उद्घाटन ईसीएल के निदेशक (तकनीकी) संचालन और योजना व परियोजना नीलाद्रि रॉय द्वारा किया गया।
इसे भी पढ़ें : 30 फीट लंबा पुल भरभराकर गिरा
इसे भी पढ़ें : 900 कैमरों की निगरानी फेल…. शहर में हुई गैंगवार
इसे भी पढ़ें : 20 सितंबर से शुरू होगा सांसद खेल महोत्सव
इस अवसर पर उप महाप्रबंधक (भूविज्ञान, नयी पहल) भास्कर भट्टाचार्य, ईसीएल और उनकी टीम और एर्गो एक्सर्जी टेक्नोलॉजी इंक, कनाडा (ईईटीआई) के प्रतिनिधियों की सक्रिय उपस्थिति रहीं।
इसे भी पढ़ें : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले पंडित पंचतत्व में विलीन
इसे भी पढ़ें : महिला डॉक्टर ने मुकेश अंबानी का डीपफेक वीडियो देख गंवाए 7 लाख रुपये
यह देश का पहला अन्वेषण बोरहोल है जिसे यूसीजी पायलट परियोजना के लिए लक्षित किया गया है। कार्यान्वयन एजेंसियां सीएमपीडीआई, रांची और ईसीएल, सांकतोड़िया हैं और उप-कार्यान्वयन या संचालन एजेंसी ईईटीआई, कनाडा है।
इसे भी पढ़ें : राहत शिविर पर बड़ा हमला, 22 लोगों की मौत, 45 घायल
इसे भी पढ़ें : कैरलि स्कूल में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन
इसे भी पढ़ें : एसएसवीएम में क्षमता निर्माण व किशोरावस्था शिक्षा पर कार्यशाला
यह पायलट परियोजना 2 साल की अवधि की है। पायलट प्रोजेक्ट की अंतिम रिपोर्ट के आधार पर उन क्षेत्रों में वाणिज्यिक स्तर पर आगे विकास कार्य शुरू किया जायेगा, जहां कोयला भंडार का खनन आर्थिक रूप से संभव नहीं है। इस पायलट प्रोजेक्ट के सफलतापूर्वक पूरा होने से भारत के ऊर्जा क्षेत्र में नयी उम्मीद जगेगी।
इसे भी पढ़ें : डॉक्टर बनने का टूटा सपना, बन गए संत
इसे भी पढ़ें : रूस के हमले से यूक्रेन ने पूरे देश में ब्लैकआउट की घोषणा की