आर्थिक सर्वेक्षण 2024 : देश में बेरोजगारी दर घटकर 3.2 प्रतिशत हुई, नौकरी और कौशल विकास पहली प्राथमिकता

New Delhi : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को पेश किये गये आर्थिक सर्वे 2023-24 में जानकारी दी है कि लेबर मार्केट इंडिकेटर्स में पिछले छह वर्षों में काफी सुधार हुआ है, जिसके कारण वित्त वर्ष 2022-23 में बेरोजगारी दर घटकर 3.2 प्रतिशत रह गई।

सर्वे में अनुमान जताया गया है कि बढ़ते हुए कार्यबल को रोजगार देने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था को गैर-कृषि क्षेत्र में करीब 78.51 लाख रोजगार वार्षिक तौर पर पैदा करने की आवश्यकता है। भारत की अनुमानित वर्कफोर्स 56.5 करोड़ है। इसमें 45 प्रतिशत लोग कृषि, 11.4 प्रतिशत लोग मैन्युफैक्चरिंग, 28.9 प्रतिशत लोग सर्विसेज और 13 प्रतिशत लोग निर्माण क्षेत्र में रोजगार कर रहे हैं।

इसे भी पढ़ें : देवनिका हॉस्पिटल में रांची का पहला क्रेनियोफेशियल यूनिट का उद्घाटन

सर्वेक्षण में कहा गया कि सरकार ने रोजगार और स्वरोजगार को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। साथ ही कर्मचारियों के कल्याण को बढ़ावा दिया है। सर्विस सेक्टर नौकरी पैदा करने में सबसे आगे रहा है। सरकार द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिए जाने के कारण निर्माण क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर बढ़े हैं।

इसे भी पढ़ें : मुख्यमंत्री ने 34 योजनाओं का किया उद्घाटन-शिलान्यास, 38 करोड़ से अधिक की बांटी परिसंपत्ति

सर्वे में कहा गया कि छोटी से मध्यम अवधि में नीतियों का फोकस नौकरी और कौशल विकास के अवसर पैदा करना, कृषि क्षेत्र की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करना, एमएसएमई सेक्टर में रुकावटों की पहचान करना, कॉरपोरेट बॉन्ड मार्केट को बड़ा करना, असमानता को दूर करना और युवा आबादी के स्वास्थ्य की गुणवत्ता में सुधार करना है।

कल इतिहास रचेंगी निर्मला सीतारमण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को लगातार सातवीं बार आम बजट पेश कर इतिहास रचेंगी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है, जिन्होंने 1959 से 1964 तक वित्त मंत्री के तौर पर लगातार छह बजट पेश किये थे। इस सत्र में सरकार की योजना है कि वह वित्त बजट के अलावा आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक- 2024, बॉयलर विधेयक – 2024, भारतीय वायुयान विधेयक – 2024, कॉफी (संवर्धन और विकास) विधेयक – 2024 और रबड़ (संवर्धन और विकास) विधेयक – 2024 को पारित करवाये।

admin: