भगवान महावीर मेडिका अस्पताल में पहली बार ‘आर्टिफिशियल हार्ट’ प्रक्रिया से हुआ इलाज सफल

भगवान महावीर मेडिका अस्पताल में पहली बार 'आर्टिफिशियल हार्ट' प्रक्रिया से हुआ इलाज सफल

Ranchi : बिहार और झारखंड के हृदय रोग उपचार में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज कराते हुए भगवान महावीर मेडिका सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, रांची ने क्षेत्र की पहली “आर्टिफिशियल हार्ट” प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस अद्वितीय तकनीक ने झारखंड के मांडू की 70 वर्षीय महिला राम कुमारी देवी की जान बचाई, जो गंभीर हृदयाघात से जूझ रही थीं। मंगलवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस उपलब्धि की घोषणा की गई, जिसमें डॉ. धनंजय कुमार (कंसल्टेंट – कार्डियोलॉजी), डॉ. दीपक कुमार (कंसल्टेंट – कार्डियोलॉजी), डॉ. रोहित कुमार (इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट), डॉ. सुनील कुमार (सीनियर कंसल्टेंट – कार्डियो-थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जन) और डॉ. विजय कुमार मिश्रा (मेडिकल डायरेक्टर, मेडिका अस्पताल) उपस्थित थे।

दरअसल, 1 नवंबर की आधी रात राम कुमारी देवी को गंभीर हृदयाघात के लक्षणों के साथ अस्पताल लाया गया। उनका रक्तचाप बहुत ज्यादा (70/50 mmHg तक) गिर गया था, जो जानलेवा स्थिति थी। डॉ. धनंजय कुमार ने तुरंत उनकी इमरजेंसी एंजियोग्राफी शुरू की, जिसमें तीन प्रमुख कोरोनरी धमनियों में गंभीर ब्लॉकेज का पता चला। शुरुआती एंजियोप्लास्टी एक इंट्रा-एऑर्टिक बलून पंप (IABP) के सहयोग से सफल रही, लेकिन मरीज की हालत स्थिर नहीं हो सकी और उन्हें उच्च मात्रा में रक्तचाप बढ़ाने वाली दवाओं की आवश्यकता बनी रही। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डॉ. धनंजय और उनकी टीम ने IMPELLA CP डिवाइस (आर्टिफिशियल हार्ट) का उपयोग करने का निर्णय लिया। मरीज के परिवार की सहमति के बाद डिवाइस को मंगाया गया और 9 नवंबर को शेष ब्लॉकेज का इलाज IMPELLA डिवाइस की सहायता से किया गया। यह प्रक्रिया पूरी तरह सफल रही। अगले दिन मरीज की स्थिति में तेजी से सुधार हुआ और इम्पेला डिवाइस निकाल दिया गया। पाँचवें दिन उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

राम कुमारी के बेटे, जो टोरंटो (कनाडा) में रहते हैं, ने कहा – हम अपनी मां की जान बचाने के लिए मेडिका रांची के डॉक्टरों और स्टाफ के आभारी हैं। मेरी माँ को कनाडा और उत्तरी अमेरिका में भी इससे बेहतर इलाज नहीं दिया जा सकता था।अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर, डॉ. विजय कुमार मिश्रा ने कहा – यह पूर्वी भारत का पांचवां और बिहार-झारखंड का पहला इम्पेला (IMPELLA) केस है। अब तक ऐसी प्रक्रियाएं केवल कोलकाता में होती थीं। मेडिका रांची ने इस उन्नत तकनीक को क्षेत्र में लाकर गंभीर मरीजों के लिए नई उम्मीदें जगाई हैं। हम अपने समूह के सभी अस्पतालों में इसी तरह की तकनीक और विशेषज्ञता का इस्तेमाल करते रहेंगे।

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