जेएसएससी का फुल फॉर्म झामुमो सरकार के लिए सर्विसेस और कमिशन : अमित मंडल

Ranchi। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक अमित मंडल ने गुरुवार को प्रदेश सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि झामुमो सरकार में राज्य की युवाओं के साथ धोखा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जेपीएससी-जेएसएससी मुद्दों को लेकर भाजपा शुरू से ही युवाओं के हक-अधिकार को लेकर सड़क से लेकर सदन तक लड़ती रही, लेकिन राज्य सरकार ने भाजपा के कार्यकर्ताओं के ऊपर लाठीचार्ज करवाया। यहां तक कि संगीन धारा लगाकर एफआईआर दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि जेएसएससी का फुल फॉर्म झामुमो सरकार की सर्विसेस और कमिशन है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अमित मंडल ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में गुरुवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि राज्य सरकार में कई विरोधाभास देखने को मिलते हैं। नियुक्ति नियमावली, नियोजन नीति एवं भाषा का विवाद हो, वो राज्य के युवाओं से छुपा नहीं है। उन्होंने कहा कि झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक सरकार द्वारा युवाओं की आवाज को दबाने का एक सोचा समझा षड्यंत्र है। जो सरकार के घोटालों के खिलाफ बोलेगा वो जेल जायेगा। मंडल ने कहा कि 2019 में महाराष्ट्र के ठाणे में आरआरबी जेई पेपर लीक मामले में सतवत इंफोसोल प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई को दोषी माना गया था। 2017 को आर्डिनेंस फैक्ट्री त्रिची नियुक्ति घोटाले में सीबीआई ने सतवत इंफोसोल प्राइवेट लिमिटेड के नाम को सीबीआई चार्जशीट में डाला था। क्या कारण है कि लैब असिस्टेंट और जेएसएससी पीजीटी में सतवत इंफोसोल प्राइवेट लिमिटेड को शामिल किया था, जबकि लैब असिस्टेंट में छह प्रश्न और जेएसएससी पीजीटी में 22 प्रश्न को रद्द कर दिया था। इसी तरह जेएसएससी जेई की परीक्षा में बीआईएनएसवाईएस टेक्नोलॉजी एजेंसी शामिल थी, यह वही एजेंसी है जो बिहार में ब्लैक लिस्टेड है और बिहार राज्य सिपाही भर्ती घोटाले में शामिल है। जेपीएससी 7वीं से लेकर 10वीं की परीक्षा में आईसीएन इंडिया प्राईवेट लिमिटेड शामिल था, ये वहीं एजेंसी है जो 2019 से बिहार में बैन है और उसपर एफआईआर किया गया था।

अमित मंडल ने राज्य सरकार से जेएसएससी सीजीएल के साथ-साथ लैब असिस्टेंट, पीजीटी एवं जेएसएससी जेई परीक्षा लीक मामले की सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बताए कि ब्लैक लिस्टेड एजेंसी को किस प्रकार नियुक्ति परीक्षा के लिए बहाल किया गया। इसी के साथ पूछा कि जेएसएससी के तत्कालीन अध्यक्ष, विभागीय पदाधिकारियों के ऊपर कार्रवाई होगी या नही?

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