Giridih : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष सोमवार को गिरिडीह के घोड़थम्बा पहुंचे जहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्य सरकार से थाना प्रभारी और सीओं के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। बाबूलाल ने कहा कि
घोड़थम्बा में जिस रास्ते को लेकर विवाद हुआ उसपर प्रतिवर्ष लोग पर्व त्योहार में जाते रहे हैं। लेकिन इस वर्ष सुनियोजित तरीके से रंग अबीर खेल रहे लोगों पर पर हमला कराया गया।
उन्होंने कहा कि पत्थरबाजी के दौरान पुलिस की भूमिका से यह स्पष्ट हो गया कि पुलिस पहले से ही मामला को बढ़ाने का मन लिए बना ली थी। घटना के दौरान थाना प्रभारी और सीओ सड़क पर गाड़ी लगाकर मूकदर्शक बने रहे, और पेट्रोल बम, पत्थर चलता रहा।
हमले की खबर फैलने के बाद एक गुट के लोग जब वहां एकत्रित हुए। बाबवजूद इसके पुलिस आरोपितों की जगह निर्दोष लोगों को आरोपित बना दी।
बाबूलाल ने कहा कि रात के 2.30 बजे घरों से बुलाकर निर्दोषों को जेल में डाला गया। उन्होंने इस मामले को विशुद्ध रूप से एक पक्षीय हमला बताया और कहा कि पुलिस प्रशासन घटना को द्विपक्षीय दिखाकर निर्दोषों को प्रताड़ित कर रही है।
उन्होंने कहा कि आखिर कब तक लोग अत्याचार सहते रहेंगे। लोग शांति से पर्व त्यौहार भी नहीं मना सकते हैं तो फिर एक गुट कैसे रहे।
उन्होंने कहा कि जिन्हें रंग अबीर से परेशानी है उन्हें खून खराबा करने में कोई परेशानी नहीं है।
उन्होंने कहा कि जिन्हें रंग अबीर से दिक्कत है ऐसे लोगों को घर में ही रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य में सत्ता पक्ष और पुलिस प्रशासन गलत बयानी कर रहा है, जिनके हाथ में रंग अबीर थे उन्हें जेल भेजा जा रहा और जिनलोगों ने पत्थर फेंके उन्हें बचाया जा रहा।
कार्रवाई पत्थरबाजों पर होनी चाहिए।
बाबूलाल ने कहा कि पुलिस सीसीटीवी फुटेज को खंगाले और पता करे कि पत्थर कहां से फेंके जा रहे थे और किसने पेट्रोल बम से भीड़ पर हमला किया। पत्थर कैसे पहुंचा, किसके घर में पत्थर जमा किया गया इसकी भी जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि एफआइआर देखकर ऐसा लग रहा जैसे कि एक गुट दूसरे गुट के धर्मस्थल पर आक्रमण करने जा रहे थे।
उन्होंने कहा कि अगर लोगों को न्याय नहीं मिलेगा तो भाजपा केवल गिरिडीह में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार आंदोलन को बाध्य होगी।
उन्होंने राज्य सरकार से मांग किया कि घोड़ थम्बा थाना प्रभारी और सीओ को तत्काल हटाया जाए।
जिनके दुकान और संपत्ति जलाए गए उन्हें मुआवजा मिले और उन्हें अविलंब वहीं बसाया जाए।
निर्दोषों को तत्काल रिहा किया जाए, निर्दोषों को प्रताड़ित करना बंद किया जाए और जो अपराधी हैं उन्हें पकड़ा जाए।
बाबूलाल कहा कि राज्य सरकार अगर त्वरित कार्रवाई नहीं करती तो वे गिरिडीह में लोगों को न्याय दिलाने के लिए धरने पर भी बैठने को मजबूर होंगे।