कई जिलों में बारिश के साथ गिरे ओले, बिजली गिरने से आठ लोगों की मौत

भोपाल। मध्यप्रदेश में लगातार दूसरे दिन बेमौसम बारिश का दौरा जारी रहा। शुक्रवार को प्रदेश के मालवा-निमाड़ और बुंदेलखंड के कई इलाकों में तेज बारिश और ओले गिरे। इससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है। ग्वालियर के घाटीगांव, आरोन पाटई में भी ओले गिरे हैं। नर्मदापुरम, सागर, बैतूल, रायसेन, अशोकनगर और धार जिले में आकाशीय बिजली गिरने से आठ लोगों की मौत हो गई है।

मध्यप्रदेश में मार्च के महीने में मानसून जैसा माहौल बन गया है। वर्तमान में अलग-अलग स्थानों पर छह मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं। उनके प्रभाव से प्रदेश के अधिकांश इलाकों में बादल छा हुए हैं। साथ ही शुक्रवार को सागर, अशोकनगर और खरगोन समेत कई जिलों तेज हवाओं के साथ बारिश हुई और ओले गिरे। उज्जैन, दमोह के पथरिया, देवास, रायसेन, आगर-मालवा में तेज बारिश हुई। जबलपुर और नर्मदापुरम में बूंदाबांदी हुई। वहीं, भोपाल, ग्वालियर और गुना में बादल छाए रहे। निवाड़ी जिले में शुक्रवार शाम तेज गरज के साथ बारिश हुई। इससे खेतों में पानी भर गया। कई गांव में ओले भी गिरे।

रायसेन जिले की तहसील गैरतंगज में आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई, वहीं पांच लोग घायल हो गए। खराब मौसम के बीच शुक्रवार को जिले में आकाशीय बिजली गिरने से रजपुरा निवासी पप्पू (23) साहू आत्मज हरचरण साहू तथा सोडरपुर निवासी इंद्रजीत (24) आत्मज चन्द्रहारा विश्वकर्मा की मौत हो गई। इसके अलावा रजपुरा निवासी सुशील आत्मज हरचरण साहू 28 वर्ष तथा सोडरपुर निवासी अजय आत्मज धनसिंह रैकवार 22 वर्ष, दीपक आदिवासी आत्मज लीलाधर 25 वर्ष, छोटू रैकवार आत्मज गुड्डू 18 वर्ष घायल हुए हैं। वही गंभीर हालत होने पर बुद्धुलाल आत्मज भोगीलाल खंगार 45 वर्ष को रायसेन रेफर किया गया।

अशोकनगर के मुंगावली में करीब एक दर्जन गांवों में ओलावृष्टि हुई। इससे किसानों की फसल बर्बाद हो गई। वहीं आकाशीय बिजली गिरने से बरखाना गांव में इंद्रपाल यादव (30) की मौत हो गई। वह खेत से अपने घर लौट रहा था। पानी तेज होने पर पेड़ के नीचे खड़ा था। इसी दौरान पेड़ पर बिजली गिर गई। बारिश बंद होने पर लोगों ने उसे देखा और अस्पताल पहुंचाया।

सागर जिले के जैसीनगर, बीना, देवरी और केसली के भी एक दर्जन से ज्यादा गांवों में करीब 20 मिनट तक बेर के आकार के ओले गिरे हैं। बीना क्षेत्र के सेमरखेड़ी, निवोदा, रुसल्ला, बेरखेरी माफी, बिलाखना, हिन्नौद, हड़कल जैन, गिरोल, देहरी, बेथनी, पट्टी, जोध समेत कई गांवों में ओले गिरे।

खरगोन जिले के बड़वाह क्षेत्र के काटकूट के ओखला, चैनपुरा और गवलनपाटी में तेज आंधी के साथ जमकर बारिश हुई। कुछ देर तक इन क्षेत्रों में चने बराबर ओले भी गिरे। शुक्रवार दोपहर को करीब 2 घंटे तक तेज बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। खेतों में कटकर रखी गेहूं की फसलों को नुकसान की खबर है। बारिश के चलते क्षेत्र की कनाड़ नदी में जलस्तर बढ़ गया है।

नर्मदापुरम के केसला ब्लॉक में आकाशीय बिजली गिरने से एक आदिवासी की मौत हो गई। झुनकर पंचायत के चनागढ़ गांव में खेत में काम कर रहे छन्नूलाल उईके (55) की मौत होने की खबर है। घटना के वक्त वह तरबूज के खेत में काम कर रहा था। घटना दोपहर 3 से 4 बजे के बीच की बताई जा रही है।

धार जिले में शुक्रवार शाम बिजली की गड़गड़ाहट व तेज आंधी के साथ बेमौसम मावठे की वर्षा ने किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी है। वहीं आकाशीय बिजली गिरने से ग्राम पंचायत शंभूपाड़ा के मजरे बांडियाबाग निवासी 33 वर्षीय महिला मीराबाई पत्नी भरत की मौत हो गई। खेत पर दोनों पति-पत्नी काम कर रहे थे। जब वर्षा की बूंदाबांदी शुरू हुई तो दोनों घर आने लगे। पति कुछ दूर आगे निकल गया। तभी पीछे आती हुई महिला पर बिजली गिरी और उसने वहीं दम तोड़ दिया। बाद में 108 एंबुलेंस से महिला को सिविल हास्पिटल लाया गया। जहां ड्यूटी डाक्टर ने जांच कर मृत घोषित कर दिया। अस्पताल की सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम किया। दूसरी और वर्षा से खेत खलिहान में रखी फसलें व खेतों में खड़ी फसलों में नुकसानी की संभावना जताई गई है। सब्जी मंडी में शेड के पास रखी व्यापारियों की रखी लहसुन भीग गई।

शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक रतलाम में 15, रायसेन में तीन, नरसिंहपुर में एक, उज्जैन में 0.6, नर्मदापुरम में 0.1 मिमी वर्षा दर्ज की गई। जबलपुर, भोपाल और मलाजखंड में बूंदाबांदी हुई। बेमौसम आंधी–पानी से खेतों में खड़ी व काटकर रखी फसलों को भारी नुकसान होने का अनुमान है। प्रदेश के मालवा- निमाड़ अंचल में शुक्रवार दिन भर मौसम खराब रहा। सुबह से ही झाबुआ, रतलाम, मंदसौर सहित कई स्थानों पर कहीं तेज तो कहीं हल्की वर्षा हुई। वहीं आलीराजपुर सहित कुछ स्थानों पर दोपहर में भी वर्षा हुई। कहीं-कहीं ओले भी गिरे। इससे खेतों में खड़ी फसलें जहां आड़ी पड़ गईं, वहीं काटकर रखी फसलें गीली हो गईं।

ग्वालियर- चंबल अंचल के शिवपुरी, दतिया और ग्वालियर के ग्रामीण क्षेत्रों में शुक्रवार दोपहर ओलावृष्टि हुई। कई जगहों पर लगभग 15 मिनट तक गिरे ओलों से सड़कों पर उनकी परत बिछ गई। बीते एक हफ्ते से थोड़े-थोड़े अंतराल में बिगड़ रहे मौसम ने किसानों का नुकसान बढ़ा दिया है। कृषि विज्ञानी डा. एमके भार्गव का कहना है कि इस समय ओलावृष्टि फसल के लिए काफी नुकसानदायक है। किसानों के खेतों में मसूर, धनिया सहित सरसों की फसल खड़ी या कटी पड़ी है जिसमें नुकसान का अनुमान है।

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