हाई कोर्ट में आदिवासी बहुल राज्य के लिए वरीय न्याय सेवाओं में आरक्षण का प्रावधान हो : हेमंत सोरेन

रांची। झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को कहा कि यह झारखंड की करोड़ों जनता के लिए गौरव का क्षण है। करीब 600 करोड़ की लागत से 165 एकड़ में झारखंड हाईकोर्ट भवन का निर्माण किया गया है। उम्मीद है कि झारखंड के आदिवासी, गरीब जनता को सरल, सुलभ तथा तीव्र न्याय दिलाने की दिशा में यह संस्थान एक मील का पत्थर साबित होगा।

सोरेन ने कहा कि आज हमारे बीच कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल उपस्थित हैं। हाई कोर्ट में आदिवासी बहुल राज्य के लिए आरक्षण का प्रावधान हो, इसकी मांग करता हूं। उन्होंने कहा कि सबऑर्डिनेट ज्यूडिशियरी में झारखंड की स्थिति देश में सबसे बेहतर है। यहां कोर्ट रूम बनाये गये हैं, उनके लिए निवास स्थल बनाये गये हैं। कोर्ट अगर झारखंड के लिए कोई योजना बनायेगा, तो सरकार उस पर अमल जरूर करेगी। सोरेन ने वरीय न्याय सेवा में होने वाली नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान किये जाने का आग्रह किया।

हेमंत सोरेन ने कहा कि लंबे समय से लंबित केस के निबटारे पर हम जोर दे रहे हैं। हमने हजारों मुकदमों का निष्पादन करवाया है। लोक अभियोजकों की कमी की वजह से केस के निष्पादन में दिक्कतें आती थी। हमने 100 से अधिक लोक अभियोजकों की नियुक्ति की है। सरकार ने 160 सहायक लोक सेवकों की नियुक्ति की है। इससे लोगों को न्याय दिलाने में हमें सफलता मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे-छोटे अपराधों में झारखंड के गरीब लोग भी लंबे समय से जेल में बंद है। हमने एक सूची बनाई है, जिसमें पांच साल से ज्यादा लंबित हैं। चार वर्षों से अधिक लंबित सूची तैयार की है, जिसकी संख्या तीन हजार दौ सौ है। हम छह महीने के भीतर इन मामलों को भी निपटाने की कोशिश की है। भविष्य में जो भी जरूरत होगी राज्य सरकार उस पर ध्यान देगी। तकनीक का इस्तेमाल करके कैसे इसे बेहतर किया जाए, इसकी पहल की जा रही है। झारखंड में इस कार्य के लिए कोई भी प्रोजेक्ट तैयार होगा तो राज्य सरकार पूरी मदद करेगी।

सोरेन ने कहा कि एक महत्वपूर्ण विषय की तरफ ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा। उन्होंने कहा कि झारखंड में सुपीरियर ज्यूडिशियल सर्विस में जनजाति के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं है। इसके लिए प्रावधान करने का आग्रह करूंगा। साथ ही कहा कि न्यायालयों के कार्यों का निष्पादन स्थानीय भाषाओं में किए जाने की नितांत आवश्यकता है। न्यायिक पदाधिकारियों और सहायक लोक अभियोजकों के लिए कम-से-कम एक स्थानीय भाषा का सीखना भी बाध्यकारी किया जाना चाहिए।
झारखंड हाई कोर्ट से लोगों को जल्द से जल्द न्याय मिलेगा : राज्यपाल
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। झारखंड हाई कोर्ट को नया भवन मिला। राष्ट्रपति को धन्यवाद। मुझे पूरा यकीन है कि झारखंड हाई कोर्ट से लोगों को जल्द से जल्द न्याय मिलेगा। देश का यह सबसे बड़ा हाई कोर्ट परिसर है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका लोकतंत्र का मंदिर है, जहां लोग न्याय की मांग करने जाते हैं। भारत की न्यायपालिका महान है।

राज्यपाल ने कहा कि मैं पूरे देश को यह बताना चाहता हूं कि लांग विजन के साथ इस विशाल हाई कोर्ट भवन का निर्माण किया गया है। इसके पहले नहीं कभी ऐसा नहीं हुआ। यह भविष्य की योजना का उदाहरण है। इसमें हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की झलक मिलती है। उन्होंने कहा कि कोर्ट की मदद से हमारे नागरिकों को न्याय मिलेगा। विवादों का निबटारा होगा। साथ ही कहा कि न्यायपालिका की कार्यप्रणाली में सुधार के रास्ते तलाशने होंगे, ताकि लोगों को समय पर न्याय मिल सके।

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