हाइपोथायरॉइडिज्म के लक्षण महसूस हो रही है, तो डॉक्टर से परामर्श लें : डॉ राकेश लाल

हाइपोथायरॉइडिज्म के लक्षण महसूस हो रही है, तो डॉक्टर से परामर्श लें : डॉ राकेश लाल

Ranchi : पारस हॉस्टिपल एचइसी के सीनियर कंसलटेंट फिजिशियन डॉ राकेश लाल ने कहा कि हाइपोथायरायडिज्म एक हार्मोनल समस्या है। इसे अंडरएक्टिव थायरॉयड भी कहते हैं। यह तब होता है जब थायरॉयड ग्रंथि, शरीर की जरूरतों के मुताबिक पर्याप्त मात्रा में थायरॉइड हार्मोन नहीं बना पाती। यह हार्मोन शरीर के मेटाबॉलिज्म (चयापचय) को नियंत्रित करने में मदद करता है। थायरॉयड ग्रंथि गर्दन के सामने स्थित होती है और शरीर के विभिन्न अंगों के सही ढंग से काम करने के लिए महत्वपूर्ण है। थकान लगना, वजन बढ़ना, त्वचा में सूखापन आना, ठंड सहने में कठिनाई आना, बालों का झड़ना, डिप्रेशन, मांसपेशियों में दर्द या कमजोरी, नींद में परेशानी, हृदय गति धीमी होना आदि लक्षण हैं। इसके मुख्य कारण आयोडीन की कमी होना है।

इसके अलावा ऑटोइम्यून बीमारी (जैसे हाशिमोटो थायरॉयडिटिस), थायरॉयड ग्रंथि की चोट या ऑपरेशन, कुछ दवाओं का सेवन से उसके दुष्प्रभाव, धूम्रपान, खराब खान-पान, एक्सरसाइज की कमी, तनाव लेना, पूरा आराम न मिलना, मासिक धर्म में अनियमितताएं या भारी रक्तस्राव, थायरॉयड का बढ़ने से समस्याएं हो सकती है। अगर आपको हाइपोथायरॉइडिज्म के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करें और थायरॉयड हार्मोन टेस्ट करवाएं। पारस हॉस्पिटल में इस रोग का जांच और परामर्श उपलब्ध है।

डॉ राकेश लाल ने कहा कि हाइपोथायरॉइडिज्म का इलाज आमतौर पर थायरॉयड हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के जरिए किया जाता है। डॉक्टर सामान्यतः लेवोथायरॉक्सिन नामक दवा देते हैं, जो शरीर में थायरॉयड हार्मोन की कमी को पूरा करती है। इसके इलाज के लिए कई टेस्ट कराये जाते है। इनमें टीएचएस, टी4, थायरॉयड अल्ट्रासाउंड या स्कैन आदि करवाते हैं। हाइपोथायरायडिज्म के उपचार में आमतौर पर हर दिन थायरॉयड हार्मोन दवा लेवोथायरोक्सिन (लेवो-टी, सिंथ्रोइड, अन्य) लेना शामिल है।

हर किसी की आहार संबंधी जरूरतें अलग-अलग होती हैं, लेकिन हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित लोगों को सब्जियां, फल, मेवे और मछली, समुद्री फुड जैसे संपूर्ण, पोषक तत्वों से भरपूर आहार से लाभ हो सकता है। लगातार एक्रसाइज करने की सलाह देते है। तनाव मुक्त जीवन यापन करने की सलाह भी देते है। इसके इलाज के दौरान मरीज को कई चीजें खाने से परहेज करते हैं। नींद भी भरपूर लेना चाहिए। बैलेंस डाइट से इस बीमारी से बच सकते है। दवा का सेवन लगातार करना चाहिए।

पारस हॉस्पिटल एचइसी के मार्केटिंग हेड मानस लाभ ने कहा कि पारस हॉस्पिटल में सभी तरह की बीमारियों का इलाज अनुभवी डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है। यहां पर मरीजों का विश्वस्तरीय इलाज की सुविधा उपलब्ध है। यहां पर केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना के तहत मरीजों का इलाज किया जा रहा है। साथ ही साथ आयुष्मान योजना, ईसीआई एवं अन्य इंश्योरेंस के तहत इलाज की सुविधा उपलब्ध है।

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