Palamu। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की रोक और टास्क फोर्स की कार्रवाई इस इलाके में बेअसर साबित हो रही है। हम बात कर रहे हैं पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र के बोकेया कोयल नदी घाट की। यहां रात के अंधेरे से लेकर अहले सुबह तक बालू की अवैध ढुलाई धड़ल्ले से की जा रही है।
गुरूवार एवं शुक्रवार को भी यह स्थिति देखने को मिली। इस इलाके से गुजर रहे बालू लोड पांच ट्रैक्टरों को ग्रामीणों ने रोक रखा था। अंचलाधिकारी और थाना प्रभारी को सूचना दी गई थी, लेकिन किसी ने रिस्पांस नहीं दिया। इसी बीच ट्रैक्टर मालिक और उनके रिश्तेदार वाहन को मौके से जबरन ले गए।
बताते चलें कि जिले के उपायुक्त शशि रंजन ने गुरुवार को ही जिला खनन टास्क फोर्स की बैठक की थी। इस बैठक में खनन पदाधिकारी के साथ-साथ अंचलाधिकारी और थाना प्रभारी को अवैध खनन रोकने के लिए निर्देश दिये थे।
बैठक में डीसी ने सभी अंचलाधिकारियों व थाना प्रभारियों से खनन क्षेत्र के निरीक्षण की समेकित रिपोर्ट प्रस्तुत करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि अपने क्षेत्र में नियमित जांच करें एवं यह सुनिश्चित करें कि आपके क्षेत्र अंतर्गत कहीं भी अवैध खनन नहीं हो।
इस बीच चैनपुर से इस तरह का मामला सामने आने से स्पष्ट है कि अवैध खनन रोकने को लेकर अंचलाधिकारी और थाना प्रभारी की कार्रवाई किस स्तर पर हो रही है। बोकेया कोयल नदी से हर दिन दर्जनों ट्रैक्टर अवैध बालू लेकर तस्कर निकलते हैं। बोकेया का कोयल नदी चैनपुर थाना से काफी दूर है। ऐसे में जब भी पुलिस की कोई गतिविधि होती है तो बालू तस्करी से जुड़े लोगों को आसानी से जानकारी हो जाती है और वे मौके से निकालकर फरार हो जाते हैं।
हालांकि यह भी चर्चा है की बालू के इस अवैध धंधे में नीचे से लेकर ऊपर तक सेटिंग है। यही कारण है कि बोकेया में अवैध बालू उठाव वाले रास्ते पर प्रशासन की ओर से ट्रेंच नहीं खुदवाया गया। यहां बता दे कि पिछले दिनों सभी अंचल क्षेत्र में बालू उठा वाले इलाके में वाहनों के गुजरने वाले रास्ते पर जेसीबी लगाकर ट्रेंच खुदवाया गया था।
ग्रामीणों ने क्यों रोक ट्रैक्टर?
ग्रामीणों के द्वारा ट्रैक्टर रोकने के पीछे मामूली कारण सामने आया है, लेकिन इसी वजह से बालू तस्करी सामने आई। दरअसल, कोयल नदी से बालू उठाने के बाद ट्रैक्टर तेज रफ्तार से सड़क से गुजरते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वाहनों के तेज चलने से हमेशा दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। ट्रैक्टर के द्वारा कई मुर्गियों को कुचल दिया गया था। गुस्से में सभी बालू लोड ट्रैक्टरों को रोका गया और प्रशासन को सूचना दी गई, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई तत्काल नहीं की गई। इसी बीच एक समाज विशेष के लोग मौके पर पहुंच गए और सारे ट्रैक्टर को मौके से जबरन ले गए। अगर प्रशासन समय पर आकर कार्रवाई करता तो तस्करों की करतूत पर लगाम लग सकता था। एक साथ पांच ट्रैक्टरों को रोका गया था।