रिम्स में जीएनएम छात्राओं को दी गयी अंगदान से संबंधित जानकारी

Ranchi : जुलाई का महीना अंगदान माह के तौर पर मनाया जा रहा है और देशभर में अंगदान जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत झारखंड स्टेट आॅर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आॅर्गेनाइजेशन ने शुक्रवार को रिम्स जीएनएम स्कूल की छात्रों को अंगदान से संबंधित जानकारी दी। अस्पताल में नर्स किसी भी मरीज और उसके परिजन के लिए पहला संपर्क सूत्र होती है और ऐसे में मरीज के ब्रेन डेड होने की सूचना सहानुभूति के साथ परिजनों को दे सकती हैं। एक ब्रेन मृत व्यक्ति कम से कम 8 लोगों की जान बचा सकता और कई लोगों की जिंदगी बेहतर कर सकता है।

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सोट्टो झारखंड द्वारा स्वास्थ्यकर्मियों एवं आमजनों के लिए चलाये जा रहे अंगदान जन जागरूकता अभियान में एक व्यक्ति अंगदान का संकल्प लेकर कम से कम आठ लोगों की जान बचा सकता है का संदेश दिया जा रहा है। कोई भी व्यक्ति अपने मृत्यु के बाद अपने अंग एवं ऊतक दान कर सकता है और इसके लिए जीवनकाल में शपथ ले सकते हैं। यदि किसी ने मृत्यु के पहले शपथ नहीं लिया है तो उनके परिजन अंगदान का निर्णय ले सकते हैं। दान किए गए अंगों को प्रतीक्षा सूची के अनुसार जरूरतमंद मरीजों में प्रत्यारोपित किया जाता है।

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लोगों में अभी भी अंगदान के विषय में तमाम भ्रांतियां हैं, इन्हीं भ्रांतियों को दूर करने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है ताकि आमजनों तक अंगदान की सही जानकारी पहुंचे। आपकी आंखें, हृदय, किडनी, लिवर, फेफड़े जैसे महत्वपूर्ण अंग किसी को नया जीवन प्रदान कर सकते हैं। यह मानवता के लिए किया गया सर्वोच्च दान है। अंगदान से संबंधित जानकारी के लिए राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स), रांची के एनाटॉमी विभाग स्थित स्टेट आॅर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आॅर्गनाइजेशन के आॅफिस से संपर्क कर सकते हैं। जागरूकता सत्र में सोटो से नोडल पदाधिकारी डॉ. राजीव रंजन, जीएनएम कॉलेज प्राचार्य बीना बारला, सोट्टो आईईसी कंसल्टेंट साल्विया शार्ली, ट्रांसप्लांट कोआॅर्डिनेटर डॉ. स्वाति भगत व जीएनएम कॉलेज की शिक्षिकाएं उपस्थित थीं।

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