झारखंड के तीन दुश्मन-झामुमो, कांग्रेस और आरजेडी : पीएम माेदी

झारखंड के तीन दुश्मन-झामुमो, कांग्रेस और आरजेडी : पीएम माेदी

Jamshedpur। झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को जमशेदपुर के गोपाल मैदान में प्रदेश में सत्तारूढ़ गठबंधन पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि झारखंड के तीन दुश्मन हैं। इनके नाम हैं-झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल। इन दुश्मनों को झारखंड के लोग जितनी जल्दी पहचान लेंगे, उतना झारखंड का भाग्य सुनिश्चित होगा।

प्रधानमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी की परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान मैं झारखंड आया था। तब देश में बड़े-बड़े झूठ, बड़ी-बड़ी अफवाहें, झूठ बोलने की मशीन और देश को बांटने और तोड़ने वाली ताकतों पर आपका आशीर्वाद भारी पड़ा। उन्होंने कहा कि आपका भरोसा मोदी पर है। मध्यम वर्ग का भरोसा मोदी पर है। इस भरोसे को कायम रखने के लिए मोदी कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ेगा।

मोदी ने भारत माता की जय के नारे लगाए और कहा कि हमारा रिश्ता अपनेपन का है। झारखंड का सपना, भाजपा का अपना सपना है। मोदी ने कहा कि पहली बार भाजपा की सरकार ने झारखंड के पिछड़े जिलों के विकास की चिंता की। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत भाजपा की सरकार ने की। पिछड़े आदिवासी युवाओं की चिंता की। उनकी शिक्षा के लिए एकलव्य विद्यालय हमने बनाए। भाजपा ने आदिवासी समाज की एक महिला को देश का राष्ट्रपति बनाया। अब तक की सरकारें खनिज संपदा से संपन्न झारखंड से केवल वसूली करती थी। हमने डीएमएफ बनाया। आपको आपका हक दिलाया।

झारखंड का बहुत बड़ा मुद्दा घुसपैठ

मोदी ने कहा कि कांग्रेस को झारखंड से नफरत है। उसने कितने दशक तक दिल्ली में बैठकर देश पर राज किया। उन्होंने देश के दलित, पिछड़े और आदिवासी समाज को कभी आगे नहीं बढ़ने दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये लोग स्वार्थ और सत्ता में किसी भी हद तक जा सकते हैं। ये जेएमएम वाले, जिन्होंने आपके वोट से अपनी राजनीति चमकाई, आज वो किसके साथ खड़े हैं। उन लोगों के साथ खड़े हैं, जो आदिवासियों की जमीन पर कब्जा करने वालों के साथ हैं। इस समय झारखंड का बहुत बड़ा मुद्दा घुसपैठ है। यह हर झारखंडी के लिए चिंता का विषय है। जवान बेटियों के हर मां-बाप के लिए चिंता का विषय है। झारखंड हाई कोर्ट ने घुसपैठ पर एक आदेश दिया लेकिन झारखंड सरकार मानने को तैयार नहीं है कि राज्य में घुसपैठ हो रही है।

झारखंड में डेमोग्राफी बहुत तेजी से बदल रही

प्रधानमंत्री ने कहा कि झारखंड में बांग्लादेशी रोहिंग्या की घुसपैठ बहुत बड़ा खतरा है। यहां की डेमोग्राफी बहुत तेजी से बदल रही है। उन्होंने कहा कि संताल परगना में आदिवासियों की आबादी तेजी से कम हो रही है। यहां के लोगों की जमीन हड़पी जा रहीं हैं। घुसपैठिये पंचायतों में व्यवस्था पर कब्जा कर रहे हैं। बेटियों के साथ अत्याचार की वारदातें बढ़ रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि झारखंड के शहर हों या झारखंड के गांव, इस घुसपैठ की वजह से हर झारखंडी असुरक्षित महसूस कर रहा है। सच्चाई यह है कि जेएमएम के लोग बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के साथ हमेशा साथ खड़े हैं। ये कट्टरपंथी जेएमएम को भी अपने कब्जे में लेते जा रहे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है। क्योंकि, जेएमएम में कांग्रेस का भूत घुस गया है।

जेएमएम-कांग्रेस मजहब के नाम पर केवल वोट बैंक बना रहे

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें एक बात साफ-साफ समझनी होगी कि जेएमएम और कांग्रेस जैसे दलों को आपका वोट नहीं चाहिए। ये दल मजहब के नाम पर अपना वोट बैंक बनाना चाहते हैं। यही समय है। हमें इस खतरे को यहीं पर रोकना होगा। इसके लिए झारखंड के हर एक नागरिक को एकजुट होना होगा। भाजपा को मजबूत करना होगा। उन्हाेंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति करने वाले लोग किसी के भी सगे नहीं होते। जेएमएम सरकार के 5 साल का कार्यकाल इसका सबूत है। वोट लेने के लिए ये लोग आदिवासियों के नाम पर राजनीति करते हैं लेकिन जेएमएम के लिए आदिवासी समाज का सम्मान नहीं, अपना सियासी फायदा सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा कि आज झारखंड का गरीब आदिवासी पूछ रहा है कि क्या चंपाई सोरेन आदिवासी नहीं थे?

भर्ती परीक्षा के नाम पर राज्य में 15 से ज्यादा युवाओं की जान गई

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन लोगों ने जब तक नौकरी नहीं, तब तक बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। किसी बेरोजगार को मिला क्या? शहरी रोजगार की योजना शुरू की, रोजगार मिला क्या? नहीं मिली। उल्टे योजनाएं दाे महीने में बंद हो गईं। भर्ती परीक्षा के नाम पर राज्य में 15 से ज्यादा युवाओं की जान चली गई। 15 नौजवान, अपनी मां के लाडले, बहन के भाई इस सरकार की गलत व्यवस्था के कारण अपनी जान गंवा बैठे। जिन युवाओं की जान गई है, उनको मैं श्रद्धांजलि देता हूं। युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाली ऐसी सरकार को हमें झारखंड से हटाना ही होगा।

जहां-जहां कांग्रेस की सरकारें हैं, वहां-वहां झूठ की दुकानें

मोदी ने कहा कि अब ये लोग महिलाओं को पैसे देने के नाम पर गरीबों को बहलाने के लिए नए-नए तिकड़म लगा रहे हैं। ऐसे धोखेबाजों को आपको सरकार से बाहर निकालना है। वादे करना और उसे पूरे करना सिर्फ भाजपा का काम है। हमारी सरकार ने और तीन करोड़ गरीबों को पक्का मकान देने का वादा किया है। हम हर घर तक जल पहुंचा रहे हैं। छोटे किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि दे रहे हैं। मोदी ने कहा कि ढेर सारी घोषणाएं कांग्रेस पार्टी ने भी की थी। कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव में युवाओं और महिलाओं को एक-एक लाख रुपए देने का वादा किया था। महिलाओं ने कांग्रेस दफ्तर पर पैसे मांगने गईं, तो उन्हें अपमानित किया गया, जहां-जहां कांग्रेस की सरकारें हैं, वहां-वहां ऐसी ही झूठ की दुकान खोली जा रही है।

मईयां सम्मान योजना के नाम पर लोगों को लूटने का काम कर रहे

प्रधानमंत्री ने कहा कि जेएमएम वाले भी जब-जब कुछ देने की बात करें, तो सावधान हो जाइए। इनको भी ये ट्रेनिंग कांग्रेस से ही मिली है। जब भी ये कुछ देने की बात करेंगे, तो आपकी ही जेब पर डाका डालेंगे। मंईयां सम्मान योजना के नाम पर महिलाओं से 300-300 रुपये मांगे जा रहे हैं। अबुआ आवास के नाम पर 25,000 रुपये तक की वसूली हो रही है। ये पिछले दरवाजे से लाभार्थियों को गुमराह करके उनसे भी वसूली कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री के झारखंड में रविवार को चार कार्यक्रम तय थे। इनमें से दाे कार्यक्रमों में वह आभासी रूप से शामिल हुए। एक कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया। एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री की यात्रा के कार्यक्रम में बदलाव करना पड़ा। करीब दो से ढाई घंटे के इंतजार के बाद आखिरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का काफिला सड़क मार्ग से जमशेदपुर के लिए रवाना हुआ।

पहली बार ऐसा होगा जब झारखंड में कोई प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से होते हुए इतनी लंबी यात्रा करते हुए सभा स्थल तक पहुंचें। मौसम खराब होने की वजह से हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका। इसकी वजह से प्रधानमंत्री को सड़क मार्ग से ही निकलना पड़ा। इससे पहले प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छह वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। प्रधानमंत्री मोदी ने जिन वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखायी है उनमें बरहामपुर-टाटा, राउरकेला-हावड़ा, देवघर-बनारस, हावड़ा-गया और हावड़ा-भागलपुर शामिल हैं।

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