इस्लामाबाद। पाक अधिकृत पाकिस्तान पहुंचे इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) ।8 के महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा ने कहा कि कश्मीर विवाद ओआईसी के एजेंडे में सर्वोच्च प्राथमिकता पर है। उन्होंने कहा कि ओआईसी भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत का रास्ता ढूंढ रहा है ताकि कश्मीर विवाद का हल निकाला जा सके। हालांकि भारत ने कई मंचों से साफ कर दिया है कि भारत कश्मीर मसले पर हल के लिए किसी भी मध्यस्थता नहीं चाहता है।
हिसेन ब्राहिम ताहा ने कहा कि कश्मीर विवाद को लेकर अन्य देशों को साथ आने के लिए कह रहे हैं, ताकि इस मुद्दे पर जल्द से जल्द हल निकाला जा सके। हम पाकिस्तान समेत अन्य देशों से साथ इस विषय पर खाका तैयार कर रहे हैं। साथ ही ब्राहिम ताहा ने राष्ट्रपति आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कश्मीर में मौजूदा स्थिति को लेकर एक व्यापक मूल्यांकन रिपोर्ट भी संगठन को सौंपी जाएगी।
ताहा ने कहा कि कश्मीर विवाद एक कूटनीतिक मुद्दा है जिसकी चर्चा सड़क पर खड़े होकर नहीं की जा सकती। इसलिए हमको इस मसले पर अन्य देशों, संगठनों के समर्थन की आवश्यकता है। पीओके के राष्ट्रपति भवन में जब हिसेन ब्राहिम ताहा मीडिया से बात कर रहे थे, उस समय उनके साथ पीओके के राष्ट्रपति सुल्तान महमूद, प्रधानमंत्री सरदार तनवीर इलियास, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के कश्मीर मामले में सलाहकार कमर जमान कायरा भी मौजूद थे।
ऐसा पहली बार नहीं जब इस्लामिक देशों के संगठन ने कश्मीर मुद्दे पर कुछ बोला हैं। ओआईसी पाकिस्तान की वकालत करता है। इससे पहले यूएनएससी में ओआईसी ने भारत के खिलाफ बयान था, जिसके बाद भारत ने अपना जवाब देकर मुंह बंद कर दिया था। इस साल अक्तूबर में पाकिस्तान और ओआईसी पर निशाना साधते हुए भारत ने कहा था कि पाकिस्तान को झूठ बोलने की आदत हो गई है। जबकि पूरी दुनिया को पता है कि पाकिस्तान में मानवाधिकारों का हनन होना आम बात है।