स्कूलों में लड़कियों के लिए आत्मरक्षा को अनिवार्य बनाएं – किरण बेदी

नई दिल्ली। भारत में महिलाओं के लिए एक अच्छी तरह से डिजाइन किए गए आत्मरक्षा ट्रेनिंग प्रोग्राम की की बहुत जरूरत है। इसमें हुई देरी दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन अब भारत एक यूनीक सेल्फ डिफेंस प्रोग्राम शुरू करने की कगार पर है। राष्ट्रीय स्तर के इस प्रोग्राम एसपीईएफएल-एससी (स्पोर्ट्स, फिजिकल एजुकेशन, फिटनेस और लेजर स्किल्स काउंसिल) द्वारा शुरू किया जाएगा और अहम बात यह है कि यह जरूरतमंदों के लिए वर्चुअली भी उपलब्ध होगा।

वर्चुअल प्रोग्राम को कोई और नहीं बल्कि भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी, पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल और इंडिया विजन फाउंडेशन की संस्थापक किरण बेदी लॉन्च करेंगी। इस बड़े अवसर पर जलज दानी (अध्यक्ष एमेरिटस, एसपीईएफएल-एससी), नीरज जैन (अध्यक्ष, एसपीईएफएल-एससी), पूनम शर्मा (उपाध्यक्ष, फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन), डॉ. अनुभूति चौहान (अध्यक्ष, अरुणोदय फाउंडेशन) तहसीन जाहिद (सीईओ, एसपीईएफएल-एससी) औऱ कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।

सेल्फ डिफेंस प्रोग्राम विभिन्न तकनीकों को व्यवहार में लाने के विचारों से उत्पन्न हुए हैं, जो महिलाओं को फिट और चुस्त रहने में मदद करेंगे, ताकि वे किसी भी तरह की खराब स्थिति का सामना कर सकें। चाहे वह स्थिति कितनी भी असुविधाजनक या विकट क्यों न हो। कौशल विकास मंत्रालय ने एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम को मंजूरी दे दी है जिसे प्रमाणित प्रशिक्षकों द्वारा अमल में लाया जाएगा।

किरण बेदी ने कहा, “अपनी रक्षा करना सिखाना एक ऐसी चीज है, जो बहुत महत्वपूर्ण है। योग की तरह यह हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एक अभिन्न अंग बनना चाहिए, और हमें भारत सरकार को इसी अनुसार आगे बढ़ने के लिए कहना चाहिए। लड़कियों के लिए आत्मरक्षा अनिवार्य किया जाना चाहिए। हमें खेल और योग की तरह इसे भी एक स्कूली प्रोग्राम बनाना चाहिए। हमें उस महिला के लिए एक इकोसिस्टम बनाने की जरूरत है जो असुरक्षित है और हमें इस दिशा में प्रयास करना होगा। अगर हम ऐसी जगह रहना चाहते हैं, जहां हमारी महिलाएं और लड़कियां सुरक्षित रहें। इसी कारण हमें एक ऐसे इकोसिस्टम की आवश्यकता है, जो उन्हें स्वतंत्र महसूस करने की अनुमति दे।”

मार्शल आर्ट को आत्मरक्षा के रूप में सिखाने वाले कई प्रोग्राम हैं लेकिन एक एसपीईएफएल-एससी द्वारा संचालित और अपने अपने आप में अनूठा राष्ट्रीय पाठ्यक्रम एक अलग दृष्टिकोण अपनाता है। यह हालात को लेकर जागरूकता, संवाद और अंत में मुकाबला करने और फिर सुरक्षित निकल जाने को अत्यधिक महत्व देता है। युद्ध प्रशिक्षण को इस तरह तैयार किया गया है कि एक महिला हालात से निपटने के विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल कर सके। इसे शोध के आधार पर विकसित किया गया है।

भारत सरकार के आशीर्वाद से महिलाओं के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम 2021 में शुरू किए गए थे, और तब से इस प्रक्रिया में शामिल प्रमाणित प्रशिक्षकों के साथ 20,000 से अधिक ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किए गए हैं। यह प्रोग्राम जम्मू कश्मीर से लेकर कर्नाटक तक और बिहार, उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश जैसे राज्यों सहित पूरे देश में फैल गया है।

पूनम शर्मा ने कहा, “हमें हमेशा महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ावा देने वाली एक्टिविटी और पहलों में शामिल होना चाहिए। हमें अपनी ऑनलाइन एक्टिविटी में सावधानी और जिम्मेदारी निभानी चाहिए, अपनी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा करनी चाहिए और डिजिटल क्षेत्र से जुड़े संभावित जोखिम के बारे में जागरूक रहना चाहिए। जब महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं, तो वे दुनिया जीत सकती हैं। जब महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं, तो उनके कार्यबल में प्रवेश करने, व्यवसाय शुरू करने और देश के विकास में योगदान देने की सबसे अधिक संभावना होती है। मुझे इस सेल्फ डिफेंस मॉडल को बनाने के लिए एसपीईएफएल-एससी को बधाई देनी चाहिए, जो दुनिया की सर्वोत्तम प्रणालियों पर आधारित है। ”पूनम शर्मा ने कहा।

तहसीन अहमद ने कहा, “आत्मरक्षा आजकल बहुत आवश्यक हो गया है, और यह बहुत महत्वपूर्ण है कि जिन लोगों को इस पर गाइडेंस की आवश्यकता है, उन्हें उचित आधार दिया जाए। क्योंकि उसके बिना किसी स्थिति से निपटना बहुत मुश्किल हो सकता है। और इसे हमारे देश में हर किसी तक पहुंचाना भी बहुत जरूरी है। हम इस इनिशिएटिव से जुड़ने के लिए किरण बेदी को धन्यवाद देना चाहते हैं। वह एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व हैं और महिलाओं की सुरक्षा और आत्मरक्षा के मामले में अग्रणी लोगों में से एक हैं। ”

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