Hazaribagh : आईसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग के मुख्य कैंपस सभागार में हिंद महासागर की भू-राजनीति (समस्याएं एवं संभावनाएं) विषय को लेकर व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर व्याख्याता डिग्री कॉलेज, फतेपूर,जामताड़ा के प्रो. दीनानाथ ठाकुर शरीक हुए और विस्तार से हिंद महासागर की भू-राजनीति (समस्याएं एवं संभावनाएं) को लेकर अपनी बातें रखीं। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हिंद महासागर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा महासागर है। भारत की बात की जाए तो देश का 80 फीसदी बाहरी व्यापार और 90 फीसदी ऊर्जा व्यापार हिंद महासागर के जरिए ही होता है।
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उन्होंने कहा कि भारत, हिंद महासागर के तट पर रणनीतिक रूप से स्थित एक राष्ट्र के रूप में भू-राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में संगठित अपराध, समुद्री डकैती, आतंकवाद, तस्करी, अवैध मछली पकड़ने और मानव तस्करी जैसे गैर पारंपरिक खतरों से निपटने के लिए इस क्षेत्र पर भारत का नियंत्रण भी आवश्यक है। श्री ठाकुर ने इजरायल, ईरान, गाजा के युद्धों का हिंद महासागर पर पड़ते प्रभाव पर भी प्रकाश डाला। इससे पूर्व भूगोल विभाग के प्राध्यापक डॉ सीता राम शर्मा ने व्याख्याता प्रो. दीनानाथ ठाकुर को बूके भेंटकर कार्यक्रम में स्वागत किया।
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साथ ही अपने स्वागत भाषण के दौरान विद्यार्थियों को हिंद महासागर के महत्व से अवगत कराया। मंच संचालन भूगोल विभाग विभाग की प्राध्यापिका डॉ पूनम चन्द्रा व धन्यवाद ज्ञापन पंकज प्रज्ञा ने किया। मौके पर बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों की मौजूदगी रही।