लोकसभा चुनाव : मतदाताओं ने नकारा नक्सलियों का फरमान

Ranchi : झारखंड की चार लोकसभा सीटों पर सोमवार को मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग बढ़-चढ़ कर उत्साह के साथ किया। खास बात यह है कि इन चारों लोकसभा सीटों के कई इलाकों में नक्सलियों का प्रभाव रहा है। इस बार भी ज्यादातर इलाके के लोग वोट बहिष्कार के नक्सलियों के फरमान को नकार कर मतदान करने पहुंचे। इन चारों लोकसभा सीटों में बनाये गये 7,595 बूथों में से करीब साढ़े चार हजार बूथ नक्सलियों के कारण चुनौतीपूर्ण माने गये हैं। लेकिन, यहां व्यापक सुरक्षा इंतजामों के बीच मतदाताओं में मताधिकार को लेकर उत्साह देखा गया। इन क्षेत्रों में सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किये गये थे। वहीं, किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में सशस्त्र बलों के साथ एयर एंबुलेंस और हेलीकॉप्टर तैनात किये गये थे।

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मतदान शुरू होने के पहले सुबह छह बजे से ही बूथों पर वोटरों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। राज्य निर्वाचन कार्यालय ने बताया कि सभी बूथों पर निर्धारित समय पर मतदान शुरू कराया गया। इन चारों सीटों पर 64 लाख 58 हजार 36 मतदाता हैं, जो ईवीएम पर कुल 45 प्रत्याशियों की किस्मत लिखेंगे। खास बात यह कि सभी मतदान केंद्रों पर मतदान प्रक्रिया पर निगरानी के लिए अंदर और बाहर फोर डी कैमरों से वेबकास्टिंग की गयी। 519 मतदान केंद्र ऐसे हैं, जिनका संचालन पूरी तरह महिला मतदान कर्मियों के हाथ में है।

महिला वोटरों की तादाद ज्यादा
पलामू को छोड़ कर तीन लोकसभा सीटों पर इस बार पुरुषों की तुलना में महिला वोटरों की तादाद ज्यादा है। इस चरण के चुनाव में खूंटी में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सिंहभूम में मौजूदा सांसद गीता कोड़ा और झारखंड सरकार की पूर्व मंत्री जोबा मांझी, पलामू में सांसद एवं पूर्व डीजीपी बीडी राम और लोहरदगा में भाजपा एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव एवं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत जैसे दिग्गजों की सियासी किस्मत दांव पर लगी है।

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