राहत शिविर पर बड़ा हमला, 22 लोगों की मौत, 45 घायल

राहत शिविर पर बड़ा हमला, 22 लोगों की मौत, 45 घायल

Geneva। राफा शहर के उत्तरी हिस्से में फिलिस्तीनी विस्थापितों के बीच राहत कार्यों में जुटे रेडक्रॉस का कार्यालय भी शुक्रवार को एक हमले में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। विस्थापितों से घिरे इस इलाके में दागे गए गोले में 22 लोगों की मौत हो गई है। इस दौरान घायल 45 लोगों को रेडक्रॉस फील्ड अस्पताल ले जाया गया।

रेडक्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति के मुताबिक 21 जून को एक हमले में 22 लोग मारे गए। हमले में रेडक्रॉस का गाजा स्थित कार्यालय क्षतिग्रस्त हो गया। रेडक्रॉस का यह कार्यालय तंबुओं में रह रहे सैकड़ों विस्थापित लोगों से घिरा हुआ है।

हालांकि आईसीआरसी ने यह नहीं बताया कि हमले के लिए कौन जिम्मेदार है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उसकी तरफ से जारी की गई जानकारी में कहा गया कि हमले के दौरान दागे गए गोले से आईसीआरसी कार्यालय की इमारत को नुकसान पहुंचा है। गोलाबारी के बाद 22 शव और 45 घायलों को रेडक्रॉस फील्ड अस्पताल ले जाया गया।

हमास द्वारा संचालित क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से भी कहा गया है कि गोलाबारी में 25 लोग मारे गए और 50 घायल हुए। हमले के लिए हमास ने इजराइल को जिम्मेदार ठहराया। मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि इजरायली गोलाबारी ने अल-मवासी क्षेत्र में विस्थापितों के तंबुओं को निशाना बनाया जो आईसीआरसी बेस के आसपास है।

जबकि इजरायली रक्षा बल के प्रवक्ता ने घटना में किसी भी भूमिका से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि घटना की समीक्षा की जा रही है।

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि गाजा में कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है और मानवीय स्थितियां गंभीर हैं। लोग पर्याप्त भोजन, पानी या चिकित्सा आपूर्ति के बिना तंबूओं में ठिकाना बनाए हुए हैं। हालांकि इजराइल का कहना है कि वह हमास के लड़ाकों और बुनियादी ढांचे को निशाना बना रहा है और सामान्य नागरिकों की मौत को कम करने की कोशिश कर रहा है।

हमास के खात्मे के लिए इजराइल की मुहिम नौवें महीने में पहुंच गई है। इस दौरान गाजा में विनाश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इजराइल को निशाना बनाया जा रहा है। इजराइली हमलों में गाजा में 37,100 से अधिक लोग मारे गए हैं। हमास के 7 अक्टूबर के हमले के बाद इजराइल ने उसके खात्मे के लिए गाजा में व्यापक अभियान शुरू किया था। हमास के आतंकियों ने दक्षिणी इजराइल में हमला किया था, जिसमें लगभग 1,200 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 250 लोगों को आतंकियों ने बंधक बना लिया था।

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