देश के कई राज्य झारखंड मॉडल अपना कर पात्रों को दे रहे योजनाओं का लाभ: मुख्यमंत्री

रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश के कई राज्य झारखंड के इस मॉडल को अपनाकर गरीबों और जरूरतमंदों को उनके दरवाजे पर सरकार की सेवाओं और योजनाओं का लाभ दे रहे हैं तथा उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पाकुड़ में शनिवार को आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार अभियान के तीसरे चरण के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान के पिछले दो चरणों में राज्य सरकार की आवाज और नजर गांव-गांव तक पहुंची है। लाखों लोगों को उनका हक-अधिकार मिला। यह कार्यक्रम राज्य वासियों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। पिछले दो चरणों में इस अभियान को लोगों का जिस तरह से रिस्पांस और सपोर्ट मिला, उसी के मद्देनजर पुनः इसका तीसरा चरण शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड अलग राज्य गठन के बाद पिछले दो दशकों के दौरान जन समस्याओं और लोगों की परेशानियों को दूर करने की दिशा में किसी तरह की गंभीरता नहीं दिखी लेकिन हमारी सरकार लोगों तक मूलभूत सुविधाओं को पहुंचाने के साथ उनकी समस्याओं का समाधान कर रही है। समाज के अंतिम व्यक्ति तक उनका हक और अधिकार दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जन उम्मीदों और आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य योजना बनाकर उसे धरातल पर उतार रही है। आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, किसान, मजदूर, विद्यार्थी, युवा, महिला, बुजुर्ग, हर वर्ग के कल्याणार्थ योजनाएं बनाई गई हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि वे इन योजनाओं से जुड़े और सशक्त तथा स्वावलंबी बनने की राह पर आगे बढ़ें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मियों का काम जनता की सेवा करना है। हमारी सरकार बनने के बाद अधिकारियों की सोच में बदलाव आया है। वे गांव-गांव पहुंच रहे हैं और आपके बीच रहकर पूरी संवेदनशीलता के साथ आपकी समस्याओं को सुन रहे हैं तथा उसका समाधान भी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस गांव- पंचायत में जाने के लिए रास्ता तक नहीं है, वहां अधिकारी योजनाओं की गठरी लेकर पहुंच रहे हैं और आपको उससे जोड़ने का काम कर रहे हैं। यहां लगने वाले शिविरों में अधिकारियों का दल आपकी हर समस्या के समाधान के लिए मौजूद हैं। आप इन शिविरों में आएं और योजनाओं से जुड़े और दूसरों को भी जुड़ने के लिए प्रेरित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सरकार आदिवासी, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों की सरकार है। यह सरकार गरीबों के हर सुख-दु:ख में उनके साथ खड़ी है और पूरी संवेदनशीलता के साथ उनकी सेवा कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अब अपने बलबूते अबुआ आवास योजना के तहत आठ लाख परिवारों को आवास देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पाकुड़ जिले में कालाजार की बीमारी आम है। यह गरीबों की बीमारी है क्योंकि कच्चे और टूटे-फूटे मकान में रहने वालों को यह होती है। ऐसे में अबुआ आवास योजना के तहत इन घरों में रहने वाले लोगों को प्राथमिकता के आधार पर आवास उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि लगभग 20 लाख अतिरिक्त हरा राशन कार्ड जारी कर उन्हें अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है । इसके अलावा भी अनेकों ऐसी योजनाएं हैं, जिसका वित्तीय भार राज्य सरकार अपने दम पर वहन कर रही है। ये योजनाएं सफलतापूर्वक संचालित हों, इसके लिए वित्तीय व्यवस्था मजबूत कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बुजुर्गों को पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था। जब तक विधवाओं की उम्र 40 वर्ष और दिव्यांगों की उम्र 18 वर्ष से अधिक नहीं हो जाती थी, उन्हें पेंशन योजना से नहीं जोड़ा जाता था लेकिन हमारी सरकार ने यूनिवर्सल पेंशन स्कीम लागू कर इन सारी बाध्यताओं को खत्म कर दिया है। आज सभी योग्य पात्रों को यूनिवर्सल पेंशन स्कीम का लाभ लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वालिटी एजुकेशन और नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने पर सरकार का विशेष फोकस है। निजी विद्यालयों के तर्ज पर सरकारी विद्यालयों के बच्चों को शिक्षा देने के लिए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोले गए हैं। आदर्श विद्यालयों के गठन के साथ सरकारी विद्यालयों को पठन- पाठन से संबंधित संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। छात्रावासों का जीर्णोद्धार हो रहा है।

इसके अलावा विद्यार्थियों को प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी से लेकर मेडिकल इंजीनियरिंग और अन्य कोर्सेज करने के लिए आर्थिक सहायता सरकार दे रही है। दूसरी तरफ पढ़े-लिखे और कम पढ़े लिखे एवं स्वरोजगार के इच्छुक नौजवानों के रोजगार के लिए भी सरकार की कार्य योजना है। आज बड़े पैमाने पर सरकारी और निजी क्षेत्र में नौकरी दी जा रही है तो मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के माध्यम से युवाओं को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि वे अपना रोजगार कर सकें। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 66 करोड़ 76 लाख 20 हजार रुपये की लागत से निर्मित 21 योजनाओं का उद्घाटन किया। साथ ही 97 योजनाओं की आधारशिला रखी। इन योजनाओं पर 87 करोड़ 4 लाख 80 हजार रुपये खर्च होंगे। इस तरह 153 करोड़ 81 लाख रुपये की 118 योजनाओं का तोहफा पाकुड़ वासियों को मिला। मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के 9942 लाभुकों के बीच 126 करोड़ 94 लाख 50 हजार रुपये की परिसंपत्ति प्रदान कर उनके सशक्तिकरण और स्वावलंबी बनने का राह प्रशस्त किया।

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