Hazaribagh। आईसेक्ट विश्वविद्यालय हजारीबाग के मुख्य कैंपस सभागार में मंगलवार को राष्ट्रीय महिला किसान दिवस एवं विश्व खाद्य दिवस के मौके पर एकदिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि कृषि विज्ञान केंद्र, रामगढ़ के वरीय वैज्ञानिक डॉ सुधांशु शेखर, विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय वर्षाश्रित उपरी भूमि चावल अनुसंधान केन्द्र, हजारीबाग के वैज्ञानिक डॉ विभास चंद्र वर्मा, आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक, कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद, डीन एकेडमिक डॉ एमके मिश्रा व कृषि संकायाध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार के हाथों दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इसके बाद सभी अतिथियों का पुष्प गुच्छ एवं शॉल ओढ़ाकर कार्यक्रम में स्वागत किया गया। मौके पर संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सुधांशु शेखर ने कहा कि भोजन का अधिकार एक बुनियादी मानव अधिकार है। यह बेहतर जीवन और बेहतर भविष्य के लिए अहम है।
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उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बीते एक दशक से भी अधिक समय से भूख के खिलाफ लड़ाई में प्रगति आई है। यही वजह है कि वैश्विक स्तर पर कुपोषित लोगों के अनुपात घटे हैं। इस दौरान डॉ शेखर ने सरकारी योजनाओं की जानकारी भी मौजूद लोगों से साझा की। विशिष्ट अतिथि डॉ विभास चंद्र वर्मा ने भी भारत में कृषि की स्थिति, उसकी अहमियत और उन्नत तकनीक से कृषि कार्य के लाभ से लोगों को अवगत कराया। साथ ही जलसंरक्षण को भी अहम बताया और कहा कि जलसंरक्षण को लेकर भी बड़े पैमाने पर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक ने आधी आबादी की अहमियत बताते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि महिलाओं को बड़ी तादाद में कृषि संबंधित प्रशिक्षणों से जोड़े जाएं और कृषि संबंधित जानकारियां प्रदान की जाए, ताकि कृषि कार्यों को और बढ़ावा मिल सके।
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वहीं कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने कहा कि हालांकि संतुलित आहार हर नागरिक को मिले, यह बेहद जरूरी है लेकिन वर्तमान समय में यह एक चुनौती बन गई है, जिसे जागरूकता के जरिए सकारात्मक दिशा में सफर पूरा कर मंजिल हासिल किया जा सकता है। डीन एकेडमिक डॉ एमके मिश्रा और कृषि संकायाध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार ने भी खाद्य संबंधित महत्वपूर्ण पक्षों से लोगों को अवगत कराया। कार्यक्रम में 150 से भी अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। संगोष्ठी कार्यों में सहयोग प्रभात किरण, मंच संचालन सहायक प्राध्यापिका फरहीन सिद्दीकी व प्रतिभा हेंब्रम तथा धन्यवाद ज्ञापन कृषि विभागाध्यक्ष डॉ सत्यप्रकाश विश्वकर्मा ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सहायक कुलसचिव अमित कुमार, राजेश कुमार, संजय कुमार, कैलाश प्रसाद, कपिल, मुकेश, अजय, सोनू, प्रकाश कुमार, सौरभ सहित अन्य का महत्वपूर्ण योगदान रहा।