विभावि में डिजिटल गवर्नेंस एवं लर्निंग एनहैंसमेंट पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

विभावि में डिजिटल गवर्नेंस एवं लर्निंग एनहैंसमेंट पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

Hazaribagh : विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग के आर्यभट्ट सभागार में मंगलवार को डिजिटल गवर्नेंस एवं लर्निंग एनहैंसमेंट इनीशिएटिव विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले सभी स्नातकोत्तर विभाग के अध्यक्ष, अंगीभूत एवं संबद्ध महाविद्यालय के प्राचार्य एवं लर्निंग कोऑर्डिनेटरस ने भाग लिया।
झारखंड सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित उक्त कार्यशाला में बोर्ड ऑफ प्रैक्टिकल ट्रेनिंग से संसाधन सेविओ ने ई-गवर्नेंस संबंधित विभिन्न विषयों की जानकारी दी। बताया गया कि झारखंड में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से इस व्यवस्था को ई-गवर्नेंस पद्धति में रूपांतरित किया जा रहा है। पद्धति को बहुत ही सरल बनाया गया है। इसमें इ-हस्ताक्षर की व्यवस्था की गई है तथा आधार से इसे जोड़ा गया है।

ज्ञात हो कि झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कुछ ही दिन पूर्व उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के लिए छे अलग-अलग पोर्टल का लोकार्पण किया था। कार्यशाला में बताया गया कि उक्त पोर्टल का निर्माण आईआईटी दिल्ली के साथ एमओयू के माध्यम से किया गया है। लक्ष्य निर्धारित किया गया है कि झारखंड में विश्वविद्यालय स्तर पर 2025 तक तथा महाविद्यालयों मे 2026 तक ई गवर्नेंस को पूरी तरह से लागू कर दिया जाए। बहुत जल्दी है पूरी अवस्था मोबाइल में भी उपलब्ध होगी।

वक्ताओं ने इस पूरे अभियान में विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों से सहयोग का आवाहन किया। कहा कि इस विषय को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है क्योंकि मैन्युअल व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त भी कर दिया जाएगा। बीओपीटी के वक्ताओं ने समर्थ ई-गवर्नेंस मॉड्यूलस के विषय में विस्तार से जानकारी दी। बताया कि अभी 44 मॉड्यूल विकसित किए गए हैं जो उपलब्ध भी है। लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम एवं स्टूडेंट रिसोर्स सेंटर के महत्व एवं विशेषताओं को भी बताया। बताया कि स्टूडेंट रिसर्च सेंटर में हर सेवा के संबंध में सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क विवरणी को दर्शाया गया है। अलग-अलग कार्य के लिए शुल्क अलग-अलग होंगे।

वक्ताओं ने बताया कि नई व्यवस्था में फीडबैक का महत्वपूर्ण स्थान होगा। यह भी बताया कि इससे तत्काल सारे समस्याओं का समाधान नहीं हो पाएगा। लेकिन बहुत ऐसे विषय हैं जिनका हल संभव होगा। वक्ताओं ने स्पष्ट किया की पठन-पाठन के क्षेत्र में यह व्यवस्था शिक्षकों के विकल्प के रूप में नहीं बल्कि शिक्षकों के साथ मिलकर शिक्षा को सुदृढ़ बनाने का है।

आईआईटी दिल्ली के अर्पित गुप्ता के अलावे मुस्तफिजुर रहमान, राहुल कुमार, अनुपम उपाध्याय, चंदन कुमार, सुनील कुमार तथा प्रियरंजन बारिक ने अलग-अलग विषयों पर पावर पॉइंट द्वारा अपने विषय को रखा। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ सादिक रज्जाक तथा अतिथि वक्ताओं ने दीप प्रज्वलित कर तथा विनोबा भावे के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यशाला का उद्घाटन किया। डॉ सुकल्याण मोइत्रा ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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