नई दिल्ली। पाकिस्तान के साथ 1971 में युद्ध के दौरान ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ में भारत की उपलब्धियों को याद करने के लिए रविवार को नौसेना दिवस मनाया गया। पहली बार राष्ट्रीय राजधानी के बाहर विशाखापत्तनम के समुद्री तट पर हुए रंगारंग कार्यक्रम में भारतीय नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों, विमानों, हेलीकॉप्टरों ने अपनी समुद्री क्षमता का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का समापन बीटिंग रिट्रीट, सूर्यास्त समारोह और लंगरगाह में जहाजों को रोशन करने के साथ हुआ।
नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार की मेजबानी में हुए कार्यक्रम में भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी शामिल हुईं। इस वर्ष भारत ने अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर ‘अमृत काल’ की शुरुआत की है, तो नौसेना ने ‘ऑपरेशनल डेमोंस्ट्रेशन’ के माध्यम से भारत की लड़ाकू शक्ति और क्षमता का प्रदर्शन किया। नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों, विमानों, हेलीकॉप्टरों ने अपनी समुद्री क्षमता दिखाई। नौसेना की पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी नौसेना कमान के विशेष बलों ने भी अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का समापन बीटिंग रिट्रीट, सूर्यास्त समारोह और लंगरगाह में जहाजों की रोशनी के साथ हुआ।
राष्ट्रीय राजधानी के बाहर पहली बार मनाये गए नौसेना दिवस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी नौसेना का ‘ऑपरेशनल डेमोंस्ट्रेशन’ देखा। केंद्र और राज्य सरकारों के कई गणमान्य व्यक्ति भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। आयोजन के दौरान नौसेना के इतिहास पर ‘ए डिकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन-सिग्नलिंग पावर एंड पार्टनरशिप’ किताब का विमोचन और अनावरण भी किया गया। इसके अलावा इस आयोजन की याद में एक नेवी टेलीफिल्म, नेवी वेलनेस एंड वेलफेयर एसोसिएशन पर फिल्म दिखाई गई। समारोह में गीतकार प्रसून जोशी के लिखे गीत को शंकर महादेवन ने गाकर ‘कॉल ऑफ द ब्लू वाटर्स’ नामक नया नौसेना गीत भी जारी किया।
भारतीय नौसेना के लिए आज का नौसेना दिवस इसलिए और भी विशेष हो गया, क्योंकि इस अवसर पर नए राष्ट्रपति के मानक, नए भारतीय नौसेना क्रेस्ट और सीएनएस मानक का अनावरण किया गया। नए ‘प्रेसिडेंट स्टैंडर्ड’ को राष्ट्रपति मुर्मू के पहली बार विशाखापत्तनम आने पर नौसेना गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान प्रदर्शित किया गया। इस कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन, केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, सशस्त्र बलों, राज्य सरकार के अधिकारियों के अलावा विशाखापत्तनम शहर के आम नागरिक भी मौजूद थे। विशाखापत्तनम के तीन लाख से अधिक नागरिकों ने आरके बीच पर नौसेना का ‘ऑपरेशनल डेमोंस्ट्रेशन’ देखा।