गोड्डा। जिले के सैकड़ों किसानों ने अदानी फाउंडेशन के माध्यम से वर्मी कंपोस्ट की पैदावार कर जैविक खेती अपने जीवन में बदलाव लाए हैं। अदाणी पावर प्लांट के समीपवर्ती गंगटा, नयाबाद, बक्सरा, पेटवी, गुम्मा, कौड़ी बहियार आदि गांवों के किसानों ने अदाणी फाउंडेशन के माध्यम से वर्मी कंपोष्ट तैयार करने की ट्रेनिंग ली और फिर अपने खेतों में इसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
गोड्डा प्रखंड के गुम्मा निवासी बद्री और करिश्मा बताते हैं कि वे पिछले कई सालों से रासायनिक खाद का इस्तेमाल कर रहे थे। इससे उनकी फसल अच्छी होती थी, लेकिन खेत की उर्वरता घट रही थी। अदाणी फाउंडेशन से ट्रेनिंग लेने के बाद उन्होंने वर्मी कंपोष्ट बनाना शुरू किया और इसे अपने खेतों में डालना शुरू किया। उन्होंने बताया कि वर्मी कंपोष्ट से उनकी फसल और भी बेहतर हुई है और पिछले साल के मुकाबले उन्हें इस बार ज्यादा उत्पादन हुआ है।
नयाबाद गांव की रहने वाली मरांगमय किस्कू भी जैविक खेती कर रही हैं। उन्होंने बताया कि पहले वे रासायनिक खाद का इस्तेमाल करती थीं, लेकिन इससे उनकी फसल में कीड़े लगने लगे थे। अदाणी फाउंडेशन से ट्रेनिंग लेने के बाद उन्होंने वर्मी कंपोष्ट बनाना शुरू किया और इसे अपने खेतों में डालना शुरू किया। उन्होंने बताया कि वर्मी कंपोष्ट से उनकी फसल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और कीड़े भी नहीं लग रहे हैं।
अदाणी फाउंडेशन ने गोड्डा जिले के 10 से अधिक गांवों में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम चलाया है। इस कार्यक्रम के तहत किसानों को वर्मी कंपोष्ट तैयार करने की ट्रेनिंग दी जा रही है। किसानों को जैविक खेती के फायदे और नुकसान के बारे में भी बताया जा रहा है।
जैविक खेती से गोड्डा के किसानों की आय बढ़ रही है। जैविक खेती करने वाले किसानों को बाजार में अच्छी कीमत मिल रही है। इसके अलावा, जैविक खेती करने से किसानों को खेती की लागत भी कम हो रही है।
अदाणी फाउंडेशन के अधिकारियों का कहना है कि वे जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। वे किसानों को जैविक खेती के बारे में जानकारी दे रहे हैं और उन्हें जैविक खेती करने के लिए प्रशिक्षित भी कर रहे हैं। अदानी फाउंडेशन कैसे प्रयास ने किसानों को नई दिशा में सोचने के लिए भी बाध्य किया है।