लाहौर। पैदल हज यात्रा करने के लिए एक भारतीय की मदद करने के लिए एक पाकिस्तान के नागरिक ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
पाकिस्तान के एक व्यक्ति ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में लाहौर हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी, जिसमें हाई कोर्ट ने 29 वर्षीय भारतीय के लिए ट्रांजिट वीजा की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। इस भारतीय नागरिक ने पाकिस्तान में प्रवेश के लिए ट्रांजिट वीजा की मांग की थी। यह भारतीय हज यात्रा के लिए सऊदी अरब में मक्का तक पैदल यात्रा करना चाहता है।
लाहौर निवासी सरवर ताज ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि जिस तरह पाकिस्तान सरकार बाबा गुरु नानक देव की जयंती के दौरान कई भारतीय सिखों को वीजा जारी करती है। अन्य अवसरों और हिंदुओं को देश में पवित्र स्थानों की यात्रा करने के लिए वीजा जारी किया जाता है, उसी तरह भारतीय मुस्लिम को भी वीजा मिले ताकि वह पाकिस्तान के रास्ते पैदल हज यात्रा कर सऊदी अरब पहुंच सके।
उल्लेखनीय है कि केरल के शिहाब छोटूर हज करने के लिए केरल के गृहनगर से जून 2022 से मक्का तक की 8640 किलोमीटर की यात्रा पर निकले हैं। वह भारत, पाकिस्तान, ईरान, इराक और कुवैत की यात्रा करने के बाद 2023 में हज के लिए मक्का पहुंचना चाहते थे। हालांकि उन्हें पाकिस्तान के आव्रजन अधिकारियों ने अक्टूबर में वाघा सीमा पर रोक दिया था क्योंकि उनके पास वीजा नहीं था। शिहाब ने आव्रजन अधिकारियों से अनुरोध किया कि वह पैदल ही हज करने जा रहे हैं और वह पहले ही तीन हजार किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं और उन्हें मानवीय आधार पर देश में प्रवेश करने की अनुमति दी जानी चाहिए। पिछले महीने लाहौर हाई कोर्ट ने शिहाब की ओर से सरवर द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया था।