रांची : राजधानी रांची स्थित पारस अस्पताल में एक 16 वर्षीय अविवाहित युवती पेट में तीव्र दर्द और फैलाव की शिकायत के साथ अस्पताल आई। प्रकरण से पहले कोई पेट में गांठ या मूत्राशय आंत्र संबंधी कोई शिकायत रिपोर्ट नहीं की गई। पारस अस्पताल में शारीरिक परीक्षण करने पर पूरे पेट में एक तनावपूर्ण सिस्टिक, सूजन देखी गई जो बाईं पसली के पिंजरे तक पहुंच गई थी। अस्पताल में एक तत्काल यूएसजी किए जाने पर 20 x 15 सेमी की एक बड़ी सिस्टिक सूजन का पता चला। इसके कारण शरीर में होनेवाले संक्रमण एवं बीमारी की जटिलता को देखते हुए घातक कैंसर के संभावित किसी भी खतरे को दूर करने के लिए रक्त ट्यूमर मार्कर और एक एमआरआई किया गया।
पारस अस्पताल के ऑन्कोलॉजिस्ट की सलाह से तत्काल सर्जरी की गई। मरीज़ की हालत में सुधार होने पर उन्हें ऑपरेशन के बाद एक दिन बाद छुट्टी दे दी गई। पारस अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अनुपमा ने कहा की मरीज़ का फॉलोअप में मरीज़ का सामान्य मासिक धर्म होने के कारण कोई समस्या नहीं पायी गई। मरीज़ अब बिलकुल स्वस्थ है। प्रजनन आयु वर्ग की महिलाओं में ऐसी परिस्थिति अक्सर पाए जाते हैं। मध्यम बड़े आकार (> 5 सेमी) के ट्यूमर का समय पर मूल्यांकन किया जाना चाहिए और मरोड़ जैसी आपात स्थिति से बचने के लिए आवश्यक सर्जिकल हस्तक्षेप किया जाना चाहिए ताकि अंग और उसके बाद की प्रजनन क्षमता में कोई फ़र्क़ न पड़े । पारस अस्पताल के डायरेक्टर डॉ नीतेश कुमार ने कहा कि पारस अस्पताल परिवार मरीज़ों के प्रति हमेशा ज़िम्मेवार और समर्पित रहा है। गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को प्रतिबद्ध पारस ब्लिस में अत्याधुनिक सुविधाओं और कुशल टीम के साथ पारस एचईसी के भरोसे और विश्वास को बनाए हुए है।