गाजियाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गाजियाबाद के कमला नेहरू नगर में बनाए गए राष्ट्रीय यूनानी संस्थान तुमको रविवार को गोवा में आयोजित एक कार्यक्रम में वर्चुअल वर्चुअल रूप से राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने रिमोट दबाकर 382 करोड़ रुपये की लागत से बने इस संस्थान का उद्घाटन किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले समय में आयुर्वेद और यूनानी कला का न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर बहुत विस्तृत होगा। गाजियाबाद से केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह व अन्य जनप्रतिनिधि राष्ट्रीय यूनानी संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इस दौरान कार्यक्रम में जगह नहीं मिलने पर राज्यसभा सदस्य अनिल अग्रवाल नाराज होकर कार्यक्रम से वापस लौट गए। उन्होंने कहा कि इस अव्यवस्था को लेकर वह शिकायत करेंगे।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर आयुष लगातार बढ़ रहा है। हालांकि आयुर्वेद को लेकर वैश्विक सहमति बनने में समय लगा। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की किस तेजी से विश्व स्तर पर बढ़ रहा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 8 साल पहले आयुष इंडस्ट्री केवल 20,000 करोड़ रुपये थी, जो आज बढ़कर डेढ़ लाख करोड़ तक पहुंच गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा विश्व भी तमाम परिवर्तनों से निकलकर इस प्राचीन पद्धति की ओर आज लौट रहा है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक आयुर्वेद ऐसा विज्ञान है जिसका दर्शन सबका सुख सबका स्वागत है जिसके शरीर में संतुलन हो और वह प्रसन्न हो वही संतुलित है।
संस्थान एम्स की तर्ज पर बना है। यहां आईसीयू के अलावा 5 ऑपरेशन थिएटर, मैटरनिटी विंग, एमआरआई, सिटी स्कैन, ब्लड बैंक, डिजिटल एक्सरे, पैथोलॉजी लैब की सुविधाएं हैं। इसके अलावा मरीजों के लिए स्टीम बाथ, हिप बाथ और सोना बाथ की सुविधा भी है। इसी हॉस्पिटल में 50 करोड़ की लागत से एक अत्याधुनिक लैब बनी है। इस लैब में यूनानी दवाओं पर रिसर्च भी होगा।
10 एकड़ में हॉस्पिटल के अलावा हॉस्टल और शिक्षा इस संस्थान में 14 विभाग हैं। छात्र यहां पर यूनानी शिक्षा में पीजी के साथ डॉक्टरेट भी कर सकेंगे। एक साल में 22 छात्र डॉक्टरेट कर सकेंगे। जबकि करीब 100 छात्र एक साल में यूनानी पढ़ाई कर सकेंगे। परिसर में गर्ल्स और बॉइज हॉस्टल भी बनाए गए हैं।
सिर्फ 15 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस
अनावरण से पहले ही हॉस्पिटल में ओपीडी सेवाएं शुरू कर दी गई हैं। फिलहाल रोजाना करीब डेढ़ सौ मरीज तक पहुंच रहे हैं। इन्हें 15 रुपए देकर पंजीकरण रसीद लेनी होती है, इसके बाद परामर्श और दवाइयां निशुल्क दी जाती हैं। ये रसीद एक महीना तक वैध रहेगी। इसके बाद 10 रुपए देकर इस रसीद का रिन्यूअल कराया जा सकेगा। अभी 2 ओपीडी चालू हैं, लेकिन इन्हें बाद में बढ़ाकर 10 तक कर दिया जाएगा।