पीएम मोदी को रूस का सर्वोच्च सम्मान मिला

New Delhi/Moscow : रूस ने मंगलवार को मॉस्को में पीएम नरेंद्र मोदी को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘आर्डर आफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल‘ से नवाजा। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुद उन्हें सम्मानित किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा – रूस के सर्वोच्च (नागरिक) सम्मान से मुझे सम्मानित करने के लिए मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं, यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह भारत और रूस के बीच सदियों पुरानी गहरी मित्रता और आपसी विश्वास का सम्मान है। यह हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का सम्मान है…पिछले 2.5 दशकों में आपके नेतृत्व में भारत-रूस संबंध सभी दिशाओं में मजबूत हुए हैं और हर बार नई ऊंचाइयों को छूए हैं।

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आपने दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों की जो नींव रखी थी, वह समय बीतने के साथ और मजबूत हुई है। लोगों की साझेदारी पर आधारित हमारा आपसी सहयोग हमारे लोगों के बेहतर भविष्य की आशा और गारंटी बन रहा है।
वहीं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा – मुझे क्रेमलिन में यह मानद पुरस्कार (आॅर्डर आॅफ सेंट एंड्रयू) प्रदान करते हुए खुशी हो रही है… यह दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में आपके द्वारा किए जा रहे महत्वपूर्ण योगदान के लिए रूस की ईमानदारी से कृतज्ञता का प्रमाण है। आपने हमेशा हमारे देश के साथ व्यापक संपर्कों की सक्रिय रूप से वकालत की है।

इससे पहले मोदी दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन राष्ट्रपति पुतिन के साथ शिखर वार्ता में भी शामिल हुए। उन्होंने कहा – एक मित्र के तौर पर मैंने हमेशा कहा कि जंग के मैदान से शांति का रास्ता नहीं निकलता है। बम, बंदूक और गोलियों के बीच शांति संभव नहीं होती है। समाधान के लिए वार्ता जरूरी है।

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पीएम की इस बात के जवाब में पुतिन ने कहा – आप यूक्रेन संकट का जो हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं हम उसके लिए आपके आभारी हैं। पीएम ने बातचीत के दौरान आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया और कहा कि आतंकवाद हर देश के लिए खतरा बना हुआ है।

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शिखर वार्ता में पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 40-50 साल से भारत आतंकवाद का सामना कर रहा है। इसलिए मॉस्को में हुए आतंकी हमले का दर्द समझ सकता हूं। मैं हर तरह के आतंकवाद की कड़ी निंदा करता हूं। शांति की बहाली में भारत हरसंभव सहयोग करने के लिए तैयार है। चाहे युद्ध हो, संघर्ष हो, आतंकवादी हमले हों, जब जान का नुकसान होता है तो मानवता में विश्वास रखने वाले हर व्यक्ति को दुख होता है। जब मासूम बच्चों की हत्या होती है, जब हम मासूम बच्चों को मरते देखते हैं तो दिल दहल जाता है। वह दर्द बहुत बड़ा है। इस पर मैंने पुतिन से विस्तृत चर्चा भी की।

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