वार्षिक नृत्य प्रतियोगिता में प्राथमिक कक्षा के छात्रों ने बिखरे जलवे

Ranchi : नृत्य मानवीय अभिव्यक्तियों का एक रसमय प्रदर्शन है। यह एक ऐसी कला है जो मन प्रसन्न और शरीर स्वस्थ करने के साथ-साथ इंसान के अंदर छुपे कई अवगुणों को दूर कर हृदय को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। ऐसे गुणों से छात्रों को संपोषित करने के उद्देश्य से जवाहर विद्या मंदिर श्यामली के कक्षा नर्सरी से पाँचवीं के छात्रों के बीच वार्षिक नृत्य प्रतियोगिता हुई।

कार्यक्रम की शुरुआत उपप्राचार्य एस० के० झा बी०एन०झा संजय कुमार, प्राथमिक विभाग के प्रभारी वीणा सिंह एवं दीपक कुमार सिन्हा के कर कमलों द्वारा सामूहिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। नर्सरी से पाँचवी कक्षा तक के विद्यार्थियों ने सेमीफाइनल तथा फाइनल राउंड तक संघर्ष करते हुए वार्षिक नृत्य प्रतियोगिता में प्रस्तुति दी। इन नन्हें-मुन्हों ने शास्त्रीय, उपशास्त्रीय, देशभक्ति और लोकगीत थीम पर आधारित सुरमयी गीतों पर भावमयी व जीवंत नृत्य प्रस्तुत किए जिससे देखकर दर्शक मुग्ध हो उठे। इनमें गणेश वंदना, दुर्गा स्तुति तथा क्षेत्रीय गीतों पर आधारित नृत्य को दर्शकों ने खूब सराहा। अभिभावकों ने खूब तालियाँ बजाकर छात्रों का उत्साहवर्धन किया।

कार्यक्रम में सफल बनाने में नृत्य शिक्षिका मोनिका डे, सोनाली प्रसाद और तकनीक एक्सपर्ट शुभम कुमार की महत्ती भूमिका रही। वहीं निर्णायक की भूमिका में विद्यालय शिक्षिका कमला वर्मा और मौसमी चंदा मौजूद थी। प्रभारी प्राचार्य एस०के० झा नन्हें बच्चों के प्रदर्शन से आह्लादित नज़र आए। उन्होंने कहा कि नृत्य पैरों की थिरकन और गीतों की धड़कन की तरह है। नृत्य में रसमय तरगें हैं जो भावों को लचीला बनाती हैं या यों कहें यह हमारे जीवन को रंगकर नवजीवन का सृजन करती है। इससे बच्चों मे आत्मविश्वास बढ़ता है एवं उनका हुनर निखरता है इसलिए विद्यालय इस प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कर छात्रों को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता रहता है।

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