रांची। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में शनिवार को छत्तीसगढ़ में बघेल सरकार में हुए महादेव बेटिंग ऐप स्कैंडल पर प्रदेश भाजपा ने कांग्रेस पार्टी को कटघरे में खड़ा किया। प्रदेश महामंत्री डॉ प्रदीप वर्मा ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा शुरू से कहती आई है कि महादेव बेटिंग ऐप स्कैंडल को बघेल सरकार का संरक्षण और समर्थन प्राप्त था और यही कारण था कि इसकी आज तक जांच नहीं हुई।
वर्मा ने कहा कि ईडी की जांच से यह खुलासा हो गया है कि कांग्रेस की बघेल सरकार का साइड बिजनेस ही बेटिंग था। भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के विकास को बेटिंग पर डाल दिया। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल ने सत्ता में रहकर सट्टा का बड़ा खेल खेला। सत्ता में रहते हुए सट्टा कारोबार में रहना यह कांग्रेस की हकीकत है। कांग्रेस पार्टी बड़े पैमाने पर वोट को खरीदने के लिए अवैध राशि का दुरुपयोग कर रही। कांग्रेस का लोकतंत्र को कलंकित करने का पुराना इतिहास रहा है।
उन्होंने कहा कि ईडी की जांच में भूपेश बघेल के खिलाफ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। ईडी जांच में यह बात सामने आई कि बेटिंग ऐप के प्रमोटर्स ने भूपेश बघेल को अबतक 508 करोड़़ रुपये के भुगतान किए हैं। ईडी ने कांग्रेस पार्टी के चुनावी खर्च के लिए बड़ी मात्रा में नकदी पहुंचाने के लिए खास तौर पर संयुक्त अरब अमीरात से भेजे गए एक कैश कुरियर असीम दास को डिटेन किया है।
ईडी ने असीम दास की कार और आवास से 5.39 करोड़ रुपये की नकद राशि बरामद की। इस संबंध में गिरफ्तार असीम दास ने स्वीकार किया कि जब्त की गई राशि महादेव ऐप के प्रमोटरों के द्वारा छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव खर्चों के लिए एक राजनेता बघेल को देने की व्यवस्था की गई थी। उन्होंने कहा कि इस सट्टेबाजी सिंडिकेट के प्रमोटर्स विदेश में बैठे हैं और अपने दोस्तों, सहयोगियों की मदद से देशभर में हजारों पैनल चला रहे हैं। ये खासकर छत्तीसगढ़ से हैं और उन्होंने इससे हजारों करोड़ रुपये कमाए हैं।
भाजपा ने कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल पूछे कि क्या यह सत्य है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं को शुभम सोनी के माध्यम से असीम दास पैसा पहुंचाते थे? क्या यह सत्य है कि असीम दास को एक वाइस मैसेज के माध्यम से ये आदेश दिया गया कि वो रायपुर जाएं और भूपेश बघेल को चुनाव खर्च के लिए पैसा दें? क्या यह सत्य है कि 2 नवंबर को होटल टाइटन में असीम दास से पैसे बरामद हुए हैं? क्या यह सत्य है कि अलग अलग बैंक खातों से 15 करोड़ रुपये प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत फ्रीज किया गया है? क्या ये सत्य है कि असीम दास नमक एक व्यक्ति से 5.30 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि बरामद हुई है?
उन्होंने कहा कि असीम दास से ईडी की हुई पूछताछ और उसके पास से बरामद फोन की फोरेंसिक जांच से महादेव नेटवर्क के उच्च पदस्थ आरोपितों में से एक शुभम सोनी, चंद्रभूषण वर्मा द्वारा भेजे गए ईमेल की जांच से भी चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। वर्मा ने कहा कि ईडी ने पहले ही कहा था कि महादेव ऐप के जरिए एकत्र धनराशि रिश्वत के रूप में छत्तीसगढ़ में नेताओं और नौकरशाहों के बीच बांटी गई थी। ईडी इस संबंध में पहले भी ऑनलाइन सट्टेबाजी और भुगतान के तरीकों की जानकारी के लिए कई मशहूर हस्तियों और बॉलीवुड अभिनेताओं को पूछताछ के लिए बुलाया था।