सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में सेवा सम्मान समारोह -2024 का आयोजन

सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में सेवा सम्मान समारोह -2024 का आयोजन

Ranchi : सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, धुर्वा, राँची परिसर में शिशु विकास मंदिर समिति (झारखण्ड), धुर्वा राँची द्वारा सेवा सम्मान समारोह -2024 का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मनोज लकड़ा, कार्मिक निदेशक, एच॰ ई॰ सी॰, धुर्वा, राँची थे। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि, अध्यक्ष एवं अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया। अतिथियों द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्रों पर पुष्प अर्पण किया गया। मुख्य अतिथि का स्वागत शिशु विकास मंदिर समिति के सह मंत्री डाॅ० धनेशवर महतो ने अंगवस्त्र प्रदान कर किया।

मुख्य अतिथि एवं अन्य आगंतुको का परिचय ललन कुमार, प्राचार्य, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, धुर्वा ने कराया। कार्यक्रम की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए अखिलेश्वर नाथ मिश्र, मंत्री, शिशु विकास मंदिर समिति ने कहा कि विद्यालय में गुरु पूर्णिमा उत्सव, मेधावी छात्र सम्मान समारोह सह अभिभावक सम्मान समारोह एवं सेवा सम्मान समारोह आदि कई उत्सव आयोजित किया जाता है। सेवा कार्य एवं सुरक्षा कार्य में लगे अपने कर्मचारी बंधु-भगिनी का विद्यालय के सफल संचालन में बहुत बड़ा योगदान होता है। आज के दिन इनके कार्यों को सम्मान देने हेतु सेवा सम्मान का समारोह आयोजित है।बापू ने स्वाधीनता के साथ-साथ स्वच्छता पर भी भरपूर जोर दिया था। उनके जन्मदिवस के अवसर पर अपने सेवा कार्य में लगे लोगों का सम्मान ही उनकेे प्रतिसच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री श्रद्धेय लालबहादुर शास्त्री को याद करते हुए सौम्य व्यवहार, विवेकशील सोच एवं दृढ निषचयी व्यक्ति बताया।

इस अवसर पर विद्यालय के सभी सेवा कार्य करने वाले कर्मियों को समारोह पूर्वक सम्मानित करने का कार्य अतिथियों एवं अन्य अतिथियों द्वारा अंगवस्त्र प्रदान कर किया गया।

मुख्य अतिथि मनोज लकड़ा, कार्मिक निदेशक, एच॰ई॰सी॰, धुर्वा ने कहा कि गाँधी जी एवं शास्त्री जी के जन्मदिवस के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर सम्पूर्ण देश ने स्वच्छता अभियान को हाथों हाथ लिया।विद्यालय की स्वच्छता यहाँ के कर्मचारियों के कारण ही है।स्वच्छता में सभी की सहभागिता एवं प्रतिबद्धता आवश्यक है।प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छता का कार्य की शुरूआत खुद से करनी चाहिए। विकसित देशों में प्रत्येक नागरिक अपने आस-पास की स्वच्छता के प्रति काफी जागरूक रहते हैं। उन्होंने आसा व्यक्त की किस माज इन प्रयासों से जागरूक होगा एवं देश विकसित राष्ट्र बनेगा।
इस अवसर पर एकल गीत बहनकनकने प्रस्तुतकिया।

अध्यक्षीय आषीर्वचनश्री शक्तिनाथ लाल दास, अध्यक्ष, शिशु विकास मंदिर समिति द्वारा दिया गया।उन्होंने कहा कि सेवा के विभिन्न रूप हैं जैसे सामाजिक सेवा आर्थिक सेवा। सेवा कर्मियों के सेवा एवं सहयोग से ही किसी संस्थान का नाम रौशन होताहै।हमारे समाज के कुछ लोग सफाई कर्मियों का कचरा वाला कहते हैं लेकिन जो कचरा फैलाते हैं वही वास्तव में कचरा वाले आदमी हैं। हर व्यक्ति में कोई न कोई गुण अवश्य होता है।मानव में सेवा भाव नैसर्गिक रूप से होता है। सेवा में लगे लोगों को हेय दृष्टि से नहीें देखना चाहिए। हमें मन के भावों को बदलने की आवश्यकता है।
धन्यवाद ज्ञापन श्री एस० वेंकट रमण, कोषाध्यक्ष, शिशु विकास मंदिर समिति द्वारा दिया गया।

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