19 अगस्त सोमवार को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया है, इस कारण रक्षाबंधन काे सोमवार की अपराह्न एक बजकर 30 मिनट से मनाया जाएगा। इसी समय घरों में राखी पूजन होगा। राखी बांधने के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त अपराह्न एक बजकर 30 मिनट से शाम सात बजकर पांच मिनट के बीच रहेगा। 19 अगस्त को तड़के सुबह तीन बजकर चार मिनट पर भद्रा प्रारंभ होगी, जो उस दिन अपराह्न एक बजकर 29 मिनट तक रहेगी। भद्रा के समय राखी बांधना अशुभ माना जाता है। 19 अगस्त को चंद्रमा मकर राशि में होने के कारण भद्रा का निवास पाताल में रहेगा।
विद्वानों का मत है कि यदि भद्रा का वास स्थान पाताल या फिर स्वर्ग लोक में है तो वह पृथ्वी पर रहने वाले लोगों के लिए अशुभ नहीं होती है। उसे शुभ ही माना जाता है, लेकिन कई शुभ कार्यों में पाताल की भद्रा को नजर अंदाज नहीं कर सकते हैं। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि रक्षाबंधन पर्व के रूप में मनाई जाती है। इस पर्व में अपराह्न व्यापिनी पूर्णिमा तिथि का होना जरूरी हैं और भद्रा वर्जित है। पुराणों में भद्रा को सूर्य की पुत्री और शनि की बहन बताया गया है। किसी भी शुभ कार्य की इसकी उपस्थिति नहीं होनी चाहिए। इस साल रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया रहेगा।
प्रातः तीन बजकर चार से रात्रि 11 बजकर 55 मिनट तक रहेगी। वहीं भद्रा प्रातः तीन बजकर चार मिनट से आरम्भ होकर दोपहर एक बजकर 29 पर समाप्त होगी। राखी बांधने के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त सोमवार को अपराह्न एक बजकर 30 मिनट से शाम सात बजकर पांच मिनट के बीच रहेगा।