कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस नेता शांतनु बनर्जी अनुकंपा के आधार पर बिजली विभाग में नौकरी कर चुका है। शांतनु को एक दिन पहले ईडी ने गिरफ्तार किया है।
लोग बताते हैं वह मोबाइल फोन की दुकान भी करता रहा है। उसके बाद शिक्षक नियुक्ति मामले में बिचौलिया बन कर करोड़ों रुपये की संपत्ति खड़ी की। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बड़े नेताओं से उसके संपर्क रहे हैं। इन्हीं संपर्कों का फायदा उठाकर वह लोगों की सरकारी नौकरी लगवाकर लाखों रुपये की कमाई करता रहा है।
उसके पिता राज्य बिजली विभाग में काम करते थे। इसी समय वह मोबाइल की दुकान चलाता था। इसके साथ ही गाड़ियों को किराए पर भी चलाता था। इस दौरान पिता की मौत होने पर अनुकंपा के आधार पर उसे बिजली विभाग में नौकरी मिल गई।
माकपा शासन के दौरान उसने छात्रसंघ चुनाव अच्छा काम किया। इस बदौलत वह तृणमूल के शीर्ष नेतृत्व के करीब पहुंच गया। 2007 में बालागढ़ ब्लॉक से तृणमूल छात्र परिषद का अध्यक्ष बनाया गया। 2018 में पंचायत चुनाव के समय तारकेश्वर से बिना प्रतिद्वंद्विता जीतकर जिला परिषद का अध्यक्ष बना।
इस मामले में गिरफ्तार प्राथमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य का करीबी तापस मंडल भी शांतनु के बारे में कई खुलासे कर चुका है। यह बात किसी से छुपी नहीं है कि शांतनु का सीधा संपर्क कालीघाट (मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास) के नेताओं से रहा है।