special session of the assembly : हेमंत सोरेन सरकार ने जीता विश्वास मत

Ranchi : विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में सोमवार को हंगामे के बीच हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया। मौजूदा विधानसभा में मौजूद 76 सदस्यों में से 45 ने सरकार के पक्ष में मतदान किया।

इस दौरान भाजपा और आजसू के विधायकों ने वोटिंग के दौरान सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए सदन का बहिष्कार किया।

उल्लेखनीय है कि विधानसभा के मौजूदा स्थिति के हिसाब से बहुमत के लिए कम से कम 39 मतों की जरूरत थी। इससे पहले सीएम हेमंत सोरेन ने सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर विश्वास प्रस्ताव पेश किया। इस पर वाद-विवाद के बाद अपराह्न 12 बजकर 20 मिनट पर वोटिंग कराई गई।

मेरे सीएम के रूप में सदन में आने से विपक्ष के पेट में हो रहा दर्द : हेमंत सोरेन

हेमंत सोरेन ने विश्वास मत पर बहस का जवाब देते हुए कहा कि मेरे सदन में फिर से सीएम के रूप में आने से विपक्ष के पेट में दर्द हो रहा है। ये लोग जिस तरह का आचरण सदन में कर रहे हैं, उससे उनकी हताशा सामने आई है। चुनाव के बाद इनके आधे से ज्यादा विधायक दोबारा सदन में नहीं आयेंगे।

घोटालों के साक्ष्य मिटाने के लिए बनी है दो महीने की सरकार : अमर बाउरी

प्रस्ताव पर बहस के दौरान नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने सीएम हेमंत सोरेन और उनकी सरकार पर तीखे हमले किये। उन्होंने कहा कि यह दो महीने की सरकार घोटालों के साक्ष्य मिटाने के लिए बनी है। नेता प्रतिपक्ष ने इसे ठगबंधन सरकार करार देते हुए कहा कि इसने राज्य की जनता, युवाओं, किसानों, छात्रों, आदिवासियों, दलितों को धोखा दिया है। अमर कुमार बाउरी ने कहा कि 2019 में हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने के पहले युवाओं को प्रतिवर्ष पांच लाख लोगों को नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन कुछ हजार नौकरियां भी नहीं दे पायीं।

बता दें कि यह चौथा मौका है, जब हेमंत सोरेन बतौर सीएम झारखंड विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण में सफल हुए हैं। सबसे पहली बार 2013 में सीएम बनने के बाद वह फ्लोर टेस्ट में सफल हुए थे। दूसरी बार वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की जीत के बाद सीएम बने थे और विधानसभा में विश्वास मत जीता था। तीसरी बार उन्होंने पत्थर खदान लीज विवाद में सरकार को राज्यपाल द्वारा बर्खास्त किये जाने की आशंका को देखते हुए 5 सितंबर, 2022 को एक दिन का विशेष सत्र बुलाकर विश्वास मत साबित किया था।

ईडी ने हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में इसी साल 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उनके मंत्रिमंडल में शामिल रहे चंपई सोरेन ने दो फरवरी को सीएम की कुर्सी संभाली थी। 28 जून को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद हेमंत सोरेन जेल से बाहर आये और उसके छठे दिन ही चंपई सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दिया। अगले दिन यानि चार जुलाई को हेमंत सोरेन ने सीएम पद की शपथ ली।

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