पीड़ित के घर में छापेमारी करने पहुंची पुलिस को आक्रोशित ग्रामीणों ने बनाया बंधक

बेगूसराय। बेगूसराय जिले के चकिया सहायक थाना क्षेत्र स्थित रूपनगर गांव में होली के दौरान हुए ताबड़तोड़ गोलीबारी मामले में बवाल हो गया है। इस मामले में नामजद किए गए जिला परिषद सदस्य सहित आठ लोगों को पकड़ने के बदले पुलिस पीड़ित के घर ही छापेमारी करने पहुंच गई।

बगैर महिला पुलिस और किसी वारंट के पीड़ित संजीव कुमार राय उर्फ खुरखुर सिंह के घर में पुलिस के घुसने से आक्रोशित लोगों ने पूरी पुलिस टीम को बंधक बना लिया तथा इसकी सूचना अधिकारियों को दी गई। सूचना मिलने के बाद पहुंची आसपास के छह-सात थाना की पुलिस ने लोगों को किसी तरह से समझा-बुझाकर शांत कराया तथा तलाशी सूची लिखित रूप से देने के बाद पुलिस कर्मियों को मुक्त किया गया। इस घटना से लोगों में काफी आक्रोश है।

आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि हम सबको भूमिहार कुल में पैदा होने का अभिशाप झेलना पड़ रहा है। होली के दिन जिला परिषद सदस्य नीतीश कुमार एवं उसके साथियों ने ताबड़तोड़ आठ राउंड फायरिंग किया। जिसमें खुरखुर सिंह ने किसी तरह से एक घर में छुप कर अपनी जान बचाई। इस मामले में पुलिस ने आठ खोखा भी बरामद किया और आठ लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

लेकिन पुलिस जनप्रतिनिधि होने के साथ-साथ शराब कारोबार सहित अन्य असामाजिक कार्यों में लिप्त जिला परिषद सदस्य सहित उसके सहयोगियों को गिरफ्तार करने के बदले पीड़ित के घर में ही शराब खोजने के बहाने पहुंच जाती है। इस घर में पुलिस कई बार छापेमारी कर चुकी है, लेकिन कुछ नहीं मिला। अब रात के अंधेरे में करीब 10:30 बजे पुलिस ने संजीव कुमार राय उर्फ खुरखुर सिंह के घर में घुसकर सघन तलाशी लेना शुरू किया। यह गलत है, पुलिस नामजद किए गए आरोपियों को गिरफ्तार करे, उसके पक्ष में आकर पीड़ित को परेशान नहीं करे।

लोगों का कहना है कि जिला परिषद सदस्य ने सोशल मीडिया के माध्यम से कल (शुक्रवार) को वीडियो जारी कर भूमिहारों को फिरंगी कहा है। क्या पुलिस हम लोगों का लाश उठाने आएगी या उस पर कार्रवाई करेगी। जनप्रतिनिधि और माफिया के मिलीभगत से हम सब लोग परेशान हैं। एक ओर अपराधी और माफिया हमको परेशान करते हैं तो दूसरी ओर पुलिस भी हमको ही परेशान करती है, यह गलत है। ग्रामीणों ने एसपी योगेन्द्र कुमार एवं सदर डीएसपी अमित कुमार से न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।

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