वाराणसी। वासंतिक चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन और माहे रमजान के पहले दिन शुक्रवार देर शाम आसमान में चंद्रमा के ठीक नीचे दिखा चमकीला तारा लोगों में आकर्षण का केन्द्र बना हुआ हैा। रात से लेकर शनिवार सुबह तक लोग इसकी तस्वीरों को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर शेयर कर इसकी खूबसूरती के साथ इसके परिणाम को लेकर भी तरह-तरह की चर्चा कर रहे है।
आसमान में दिखे अद्भुत नजारे को अपने सेलफोन में कैद करने के लिए लोग देर शाम तक घरों की छतों पर डटे रहे। हर कोई उतावला इसके बारे में जानने के लिए बेचैन दिखा। ज्योतिष विदों के अनुसार चंद्रमा और शुक्र एक ही राशि पर आए हैं। यह एक खगोलीय घटना है और ज्योतिष की दृष्टि से भी यह शुभ हैं। इससे धार्मिक व मांगलिक कार्य संपन्न होंगे।
वैज्ञानिकों के अनुसार यह नजारा कभी-कभी दिखता है। यह शुक्र ग्रह पर ग्रहण की एक खगोलीय घटना है। शुक्रवार की शाम 6.30 बजे से रात 9 बजे के बाद तक यह नजारा आसमान में दिखा। इस घटना को लूनर ऑक्यूलेशन और वीनस कहते हैं। पृथ्वी, चंद्रमा और शुक्र ग्रह एक सीध में आ जाते हैं। अपनी कक्षा में घूमते हुए शुक्र जब चंद्रमा और पृथ्वी के सामने आता है तो कुछ देर के लिए यह चंद्रमा के नीचे ऐसे दिखाई देता है जैसे चंद्रमा ने गले में मणि वाला कोई लॉकेट पहन रखा हो। यह घटना वर्षों में एक बार होती है। शुक्र ग्रह इससे पहले 2020 में देखा गया था। यह नजारा अब वर्ष 2035 में दिखाई देगा।
इस खगोलीय घटना को सनातन धर्मी देवी चंद्रघंटा का स्वरूप बताते रहे। तो मुस्लिम युवा इसे खुदा का करिश्मा बता रहे है। उनका कहना है कि रमजान के पहले दिन ऐसा नजारा देश के लिए खुशी का पैगाम है।